With the help of robotic exoskeleton an Athelit did spelndid
2024 में रोबोटिक टेक्निक से इस एथलीट ने कर दिया कमाल, जानें कैसे काम करता है एक्सोस्क्लेटन
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बीते 26 जुलाई से पेरिस में ओलंपिक 2024 शुरू हो गया है, जो 11 अगस्त तक चलेगा। इस ओलंपिक में कई एथलीट्स ने मशाल लेकर दौड़े, लेकिन इस दौरान फ्रांस के दिव्यांग टेनिस स्टार केविन पिएट की चर्चा खूब हो रही है।ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि ये दिव्यांग होने के बाद भी रोबोटिक एक्सो स्क्लेटन के सहारे मशाल लेकर दौड़ते नजर आए थे। गौरतलब है कि केविन पिएट 10 साल पहले एक हादसे का शिकार हुए थे, जिसके कारण उन्हें पैरालिसिस का सामना करना पड़ा था।
आप भी जानना चाहेंगे कि आखिर ये रोबोटिक एक्सो स्क्लेटन होता क्या है, जिसका सहारा लेकर पैरालिसिस से ग्रस्त इंसान भी चलने योग्य बन जाता है। रोबोटिक एक्सो स्क्लेटन के पीछे की तकनीक को समझने के लिए इस खबर पर शुरू से अंत तक बने रहिए।
रोबोटिक एक्सोस्क्लेटन एक खास तकनीक है, जो इंसान को कंधों से लेकर नीचे एड़ी तक को सपोर्ट करती है।यह ऐसी रोबोटिक तकनीक है, जो किसी भी पैरालिसिस वाले इंसान को पैदल चलने योग्य बना देती है।यह रोबोटिक एक्सो स्क्लेटन पैरालिसिस बीमारी को खत्म नहीं करता है, बल्कि इंसान को पैदल चलने का सहारा बनता है।इसी रोबोटिक एक्सो स्क्लेटन तकनीक के सहारे फ्रांस के दिव्यांग टेनिस स्टार केविन पिएट मशाल लेकर पेरिस ओलंपिक 2024 में चलते नजर आए थे जिसके कारण लोग सोशल मीडिया पर उनके वीडियो को शेयर करके इमोशनल कैप्शन लिख कहे हैं।
मौजूदा समय में टेक्नोलॉजी काफी तेजी से बढ़ रहा है। टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हमें रोज कुछ नया देखने को मिल रहा है।इसी बीच अब रोबोटिक एक्सो स्केलेटन की खूब चर्चा हो रही है।दरअसल, एक्सो स्केलेटन एक रोबोटिक डिवाइस है जो पैरालिसिस वाले लोगों के लिए सहारा बनता है और उन्हें घूमने फिरने लायक बना देता है. ध्यान देने वाली बात यह है कि यह रोबोटिक डिवाइस डिसेबिलिटी को पूरी तरह से खत्म तो नहीं कर सकता है। लेकिन, ऐसा सपोर्ट प्रोवाइड करता है जिससे लोग पैरों के सहारे आत्म निर्भर बन जाते हैं। पेरिस ओलंपिक 2024 में केविन पिएट ने इसी तकनीक का प्रयोग किया था।