ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के दौरान रविवार की सुबह श्री गुंडिचा मंदिर के सामने भगदड़ मच गई, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हुए। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस घटना पर माफी मांगते हुए कहा कि ‘मैं और मेरी सरकार भगवान जगन्नाथ के सभी भक्तों से व्यक्तिगत रूप से क्षमा मांगते हैं। ये लापरवाही माफ़ करने लायक नहीं है।’ इस घटना के बाद डीएम सिद्धार्थ एस और एसपी विनीत अग्रवाल का ट्रांसफर कर दिया गया है और मृतकों के परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया गया है। उड़ीसा के पूर्व सीएम नवीन पटनायक ने इसे लापरवाही का नतीजा बताया है।
चश्मदीद के अनुसार घटना सुबह 2- रात 2-3 बजे के आस पास घटी है।भीड़ प्रबंधन ठीक नहीं था।वीआईपी के लिए नया रास्ता बनाया गया था, और आम लोगों को दूर से ही बाहर निकलने के लिए कहा गया था।लोग प्रवेश द्वार से ही बाहर निकलने लगे, जिससे भीड़ बढ़ गई।यातायात व्यवस्था भी ठीक नहीं थी, क्योंकि कई अनधिकृत पास वाले वाहन मंदिर के पास आ गए थे। प्रशासन ने भीड़ को ठीक से नियंत्रित नहीं किया। सबसे बड़ी समस्या निकास द्वार की थी।
ओडिशा के पुरी मंदिर में रविवार को भगदड़ मचने से तीन लोगों की मौत और करीब 50 लोगों के घायल हो जाने के बाद मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने जिलाधिकारी सिद्धार्थ शंकर स्वैन और पुलिस अधीक्षक विनीत अग्रवाल के तबादले का आदेश दिया. मुख्यमंत्री ने खुर्दा के जिलाधिकारी चंचल राणा को पुरी का नया जिलाधिकारी नियुक्त किया है।अग्रवाल की जगह पिनाक मिश्रा पुरी के पुलिस अधीक्षक बनाए गए।
रथ यात्रा में मची भगदड़ पर पुरी निवासी स्वाधीन कुमार पंडा ने बातचीत में बताया कि रथ यात्रा के दिन भी कई लोगों की मौत हुई।लेकिन सरकार और प्रशासन ने इसका खुलासा नहीं किया और कहा कि कोई हताहत नहीं हुआ।