बीरेंद्र कुमार झा
अंग्रेजों के जमाने के बने कानून में बदलाव कर देश के अपने कानून बनाने से संबंधित तीन नए क्रिमिनल लॉ बिल बुधवार (20 दिसंबर) को लोकसभा में पास हो गए हैं। इस दौरान हुई चर्चा में अमित शाह ने इसमें किए गए कई महत्वपूर्ण बदलावों पर विस्तार से अपनी बात रखी है।
मॉब लिंचिंग के लिए होगी फांसी की सजा
गृह मंत्री अमित शाह ने लोक सभा में पेश हुए 3 क्रिमिनल विधेयक पर चर्चा करते हुए बताया कि मॉब लिंचिंग के लिए अब फांसी की सजा होगी।इस मामले में उन्होंने कांग्रेस पर भी हमला बोला।
कांग्रेस ने मॉब लिंचिंग पर नहीं बनाए कोई कानून
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रस्तावित कानूनों के मुताबिक मॉब लिंचिंग के अपराध के लिए मौत की सजा का प्रावधान होगा।उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मॉब लिंचिंग का इस्तेमाल केवल हमें गाली देने के लिए किया लेकिन जब सत्ता में थी तो इसे लेकर कोई कानून नहीं बनाया
देश के खिलाफ काम करने वालों को नहीं बख्शें जाएंगे
गृहमंत्री ने कहा कि हम राजद्रोह की जगह देशद्रोह लेकर आए हैं।आईपीसी ने राजद्रोह को “सरकार के खिलाफ कार्य” के रूप में परिभाषित किया था।अंग्रेजों के जमाने में अगर कोई सरकार के खिलाफ बोलना था, तो उसे राजद्रोह माना जाता था, लेकिन इस बदलाव में देश के खिलाफ काम करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इसमें प्रावधान उन लोगों के लिए है, जो देश की संप्रभुता, सुरक्षा को प्रभावित करते हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की आलोचना तो कोई भी कर सकता है।सरकार की आलोचना करने पर कोई जेल नहीं जाएगा, लेकिन कोई भी देश के खिलाफ काम नहीं कर सकता और जो कोई ऐसा करने का दुस्साहस करेगा उसे इसकी कीमत चुकानी होगी।गौरतलब है कि इसके अंतर्गत आजीवन कारावास तक की सजा का प्राएधान है।
गिरफ्तार लोगों के बारे में पूरे देश में रहेगा रिकॉर्ड’
अमित शाह ने कहा कि गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों के बारे में अब हर पुलिस स्टेशन में विवरण दर्ज किया जाएगा और एक नामित पुलिस अधिकारी इन रिकॉर्डों को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होगा।उन्होंने कहा कि सरकार ने तस्करी कानूनों को जेंडर-न्यूट्रल बना दिया है।
“दंड” के बजाय “न्याय” पर केंद्रित किया जाएगा ध्यान
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नए विधेयकों का उद्देश्य देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पुनर्जीवित करना है,जिसमें “दंड” के बजाय “न्याय” पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।गौरतलब है कि लोकसभा में तीनों आपराधिक कानून संशोधन विधेयक पारित हो गए हैं ।आज इसे राज्यसभा में पेश किए जाने की संभावना है।
कौन-कौन से हैं नए कानून
लोकसभा में भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 पारित हुए हैं।इन्हें पहली बार मानसून सत्र के दौरान संसद में पेश किया गया था। अमित शाह ने शीतकालीन सत्र के दौरान विधेयकों का संशोधित संस्करण पेश किया।
पुलिस की भी होगी जवाबदेही तय
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रस्तावित कानून में पुलिस की जवाबदेही को मजबूत करने के लिए एक प्रणाली लाएंगे।अब पुलिस को 3 दिनों के अंदर एफआईआर दर्ज करने होंगे।अब एफआईआर ऑन लाइन दर्ज किया जा सकेगा,लेकिन ऑनलाइन आवेदन के तीसरे दिन आवेदक को एफआईआर पर अपने हस्ताक्षर करने होंगे।
जेलों में भीड़ कम करने का होगा प्रयास
लोक सभा में विधेयक पेश करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अब छोटे-मोटे अपराध के लिए लोगों को जेल नहीं भेजा जाएगा ,बल्कि इसके जगह पर ऐसे लोगों को सामुदायिक दंड दिया जाएगा। इसके तहत चोरी जैसे छोटे-मोटे अपराधों के अपराधियों को सामुदायिक कार्य जैसे स्वच्छता और वृद्धावस्था आश्रम के कार्य में लगाया जाएगा। अब बिना पूछे किसी के घर में प्रवेश को भी अपराध की श्रेणी में लाया जाएगा।