उत्तर भारत की तुलना में दक्षिण भारत में भारतीय जनता पार्टी का प्रभाव बहुत ही कम है।सत्ताके दृष्टिकोण से देखें तो फिलहाल दक्षिण भारत के किसी भी राज्य में भारतीय जनता पार्टी का शासन नहीं है। कर्नाटक को छोड़कर दक्षिण की अन्य राज्यों में या तो भारतीय जनता पार्टी के विधायकों और सांसदों की संख्या काफी कम है या फिर शून्य है। ऐसे में लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए प्रधानमंत्री पिछले एक माह से भी ज्यादा समय से अपने दक्षिण के दौरे पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। युद्ध की शैली में बात करें तो दक्षिण विजय के लिए प्रधानमंत्री के हाथ में दुधारी तलवार है, जिसके जरिए वे दक्षिण के तकरीबन हर राज्यों में बीजेपी का दमखम दिखाने का प्रयास कर रहे हैं। इस दुधारी तलवार के एक तरफ अगर सरकार की विभिन्न योजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास का कार्यक्रम रूपी धार है तो दूसरी तरफ अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा से उत्पन्न धार है। तमिलनाडु जहां के तीन दिवसीय दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र इस समय हैं,वहां अगर उद्घाटन और शिलान्यास की बात करें तो कल ही उन्होंने वहां चेन्नई में खेलो इंडिया कार्यक्रम का उद्घाटन किया। और बात अगर अयोध्या की रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा से लाभ उठाने की बात की जाए तो आज उन्होंने तिरुचिरापल्ली के श्री रंगनाथस्वामी और रामेश्वरम मंदिर में पूजा अर्चना की।
श्री रंगनाथस्वामी मंदिर है एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर
श्री रंगनाथस्वामी का मंदिर भगवान रंगनाथ को समर्पित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। इस मंदिर के परिसर को भारत का सबसे बड़ा मंदिर परिषर और दुनिया के सबसे महान धार्मिक परिसरों में से एक माना जाता है। माना जाता है कि तमिलनाडु के प्रसिद्ध श्री रंगनाथस्वामी मंदिर का निर्माण विजयनगर कल के दौरान किया गया था।
श्री रंगनाथस्वामी मंदिर को भगवान रंगनाथ का आवास माना जाता है, जो भगवान विष्णु के लेते हुए मुद्रा का एक स्वरूप है। श्रीरंगनाथ मंदिर में पूजा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामेश्वरम भी जाएंगे और वहां पर श्री अरुलमिगु रामनाथ स्वामी मंदिर के दर्शन और पूजा अर्चना करेंगे।
अंडाल हाथी को खाना खिला कर लिया आशीर्वाद
श्रीलंका स्वामी मंदिर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस यात्रा के दौरान तमिलनाडु में पूजा के दौरान पहने जाने वाला विशेष परिधान वेष्टिऔर अंगवस्त्र (धोती और साल) में नजर आए। यहां उन्होंने भगवान रंगनाथस्वामी (भगवान विष्णु के एक रूप)की पूजा अर्चना की फिर मंदिर पार्सल में अंडाल नाम के हाथी को खाना खिलाकर उसका आशीर्वाद लिया है। तिरुचिरापल्ली के रंगनाथस्वामी मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुजारी से आशीर्वाद लिया। पूजा पाठ के बाद मंदिर के पीठासीन देवता की ओर से प्रधानमंत्री मोदी को अयोध्या में राम मंदिर ले जाने के लिए एक टोकरी में उपहार स्वरूप कुछ दिया गया है।
रामायण के बहुत पुराने संस्करण में से एक महाकाव्य है कंबरनायनम
तिरुचिरापल्ली के रंगनाथस्वामी मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिल कवि कंबल रचित 12वीं साड़ी के महाकाव्य कंबरमयानम के छंदों का भी श्रवण किया। महाकाव्य कंबरमायनम रामायण के बहुत पुराने संस्करण में से एक है।कहा जाता है कि भारतीय तमिल कवि कंबर ने सबसे पहले श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में ही अपनी रामायण को सार्वजनिक तौर पर पेश किया था और लोगों के दिल को जीत लिया था उनकी याद में मंदिर में एक मंच अभी भी है, जिसे कांबा रामायण मनतापम कहा जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस जगह पर ही बैठे, जहां पर कवि कंबर ने पहली बार तमिल रामायण सुनाकर तमिलनाडु और श्रीराम के बीच गहरे संबंध को मजबूत किया था।
तमिलनाडु के रामेश्वरम में श्री अरुलमिगु मंदिर में की पूजा-अर्चना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तमिलनाडु दौड़ का दूसरा दिन पूरी तरह से भक्ति भाव में डूबा रहा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को तमिलनाडु के श्रीरंगनाथ स्वामी मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद रामेश्वरम में श्री अरुलमिगु मंदिर में पूजा-अर्चना की।प्रधानमंत्री ने यहां सबसे पहले समुद्र में पवित्र डुबकी लगाई।इसके बाद उन्होंने मंदिर परिसर में बने कूपों के जल से स्नांकिया और भगवान को अर्घ्य दिया। इन दोनों ही मंदिरों में पूजा अर्चना करने के लिए जा रहे प्रधानमंत्री को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ सड़क के किनारे उमड़ी थी। प्रधानमंत्री ने पूजा अर्चना के बाद सभी लोगों से 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले रामलीला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को देखते हुए मंदिरों में स्वच्छता कार्यक्रम चलाने और दीप जलाने का आह्वान किया।