विकास कुमार
22 जनवरी के दिन को सनातन संस्कृति के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से लिखा जाएगा,क्योंकि इस दिन सनातन संस्कृकि का अभ्युदय हुआ। पांच सौ वर्ष के लंबे संघर्ष के बाद अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की पूजा विधि पूरी की है। अब नव्य और भव्य राम मंदिर के दिव्य गर्भगृह में रामलला विराजमान हो गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीरामजन्मभूमि गर्भगृह के भीतर रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की। इस दौरान उनके साथ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत मौजूद रहे। मंत्रोच्चारण और विधि-विधान के साथ शुभ मुहूर्त में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की गई। प्राण-प्रतिष्ठा के बाद रामलला की पहली झलक सामने आई है। सामने आई तस्वीर में पांच साल के रामलला का रूप बहुत ही मनमोहक नजर आ रहा है।
राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद रामलला की पहली झलक सामने आई है। रामलला की आंखों में मासूमियत, होठों पर मुस्कान, चेहरे पर गजब का ओज दिखाई दे रहा है। रामलला की पहली झलक मन को मोह लेने वाली है। भगवान की पहली झलक देखकर पता लगता है कि कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बहुत ही अद्भुत मूर्ति तैयार की है। पूरे श्रृंगार के साथ प्रभु श्री राम की छवि अद्वितीय लग रही है। जैसे ही भक्तों ने रामलला की पहली छवि देखी तो वे भावुक हो गए।
रामचरितमानस के बालकांड में रामलला का जैसा वर्णन किया गया है,वैसी ही रामलला का विग्रह राम मंदिर में स्थापित किया गया है। रामलला के चरणों में वज्र, ध्वजा और अंकुश के चिन्ह शोभित हैं। कमर में करधनी और पेट पर त्रिवली हैं, रामलला की विशाल भुजाएं आभूषणों से सुशोभित हैं। रामलला की छाती पर बहुत ही सुंदर हार पहनाया गया है। उनकी छाती पर रत्नों से युक्त मणियों के हार की शोभा है,भगवान राम के हाथ में सोने का धनुष और तीर सुशोभित हो रहा है। वहीं मूर्ति का मुकुट भी स्वर्ण से बना हुआ है। यह मुकुट मूर्ति की शोभा को और भी सुशोभित कर रहा है। अब एक नव्य और दिव्य अयोध्या धाम बनकर तैयार है जो अनंत काल तक सनातन संस्कृति की गौरव की गाथा कहती रहेगी। ये कहना गलत नहीं होगा कि ये सनातन संस्कृति के पुनर्जागरण का दिन