नई दिल्ली:दुनियाभर में महंगाई, छंटनी और आर्थिक सुस्ती के बीच शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजारों ने नया कीर्तिमान स्थापित किया। सेंसेक्स अपने उच्चतम स्तर पर तो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी तेजी के साथ बंद हुआ। डॉलर के मुकाबले रुपये में भी जोरदार तेजी दर्ज की गयी।
तेजी की वजह से निवेशकों को भरोसा
सूचना प्रौद्योगिक, धातु और वित्तीय शेयरों में खरीदारी से शेयर बाजार में तेजी है। भारत समेत सभी उभरती अर्थव्यवस्था की मुद्राएं डॉलर के मुकाबले मजबूत हुई हैं।
आगे भी बेहतरी के संकेत
विशेषज्ञों का का मानना है कि अमेरिका में मुद्रास्फीति के आंकड़े अनुमान से कम रहना बेहतरी के संकेत हैं। फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी की रफ्तार को धीमा करें तो और सुधार आएगा।
विश्वव्यापी आर्थिक मंदी की चार चिंताएं
- 1 वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती
- 2 मूडीज ने वृद्धि दर अनुमान घटाया
- 3 खुदरा महंगाई का उच्चतम स्तर
- 4 अमेरिका और यूरोप से भारतीय उत्पादों और सेवाओं की मांग में कमी
विश्वव्यापी मंदी के बीच चार चुनौतियां
- 1 महंगाई दर छह फीसदी से नीचे लाना
- 2 मुद्रा के भाव में तेज उतार चढ़ाव
- 3 आरबीआई रेपो दर में वृद्धि की आशंका
- 4 उच्चतम ब्याज दरों का असर रोकना