न्यूज डेस्क
सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) ने ब्रिटिश मल्टीनेशनल एयरोस्पेस एंड डिफेंस कंपनी रोल्स रॉयस पीएलसी और उसके अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। 24 हॉक और 115 एडवांस्ड जेट ट्रेनर एयरक्राफ्ट की खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप में यह मामला दर्ज किया गया है। रोल्स रॉयस इंडिया के डायरेक्टर टिम जोन्स, आर्म्स डीलर सुधीर चौधरी, भानु चौधरी और ब्रिटिश एयरोस्पेस सिस्टम्स (बीएई सिस्टम्स) भी इस भ्रष्टाचार में शामिल हैं।
CBI registers a case against British Aerospace company Rolls Royce India Pvt Ltd, Tim Jones, Director Rolls Royce India Pvt Ltd and private individuals Sudhir Chuadhrie and Bhanu Chaudharie and other unknown public servants and private persons with the objective to cheat the… pic.twitter.com/tREN8OUkyk
— ANI (@ANI) May 29, 2023
सीबीआई केस दर्ज करने के बाद कंपनी से जुड़े इन लोगों को जल्द ही नोटिस जारी कर पूछताछ कर सकती है। बता दें कि इंडियन एयर फोर्स (IAF) 123 हॉक एडवांस्ड जेट ट्रेनर्स और इंडियन नेवी 17 एयरक्राफ्ट ऑपरेट करती है। इनमें से ज्यादातर एयरक्राफ्ट्स को HAL द्वारा लाइसेंस और मैन्यूफेक्चर किया गया है।
सीबीआई ने बताया कि रोल्स रॉयस के अधिकारियों के अलावा इस मामले में भारत के अन्य अज्ञात कर्मचारियों ने अपने सरकारी पदों का दुरुपयोग किया और मैसर्स हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा 42 अतिरिक्त विमानों के लाइसेंस निर्माण की अनुमति दी। साथ ही उन्होंने 734.21 मिलियन के लिए कुल 24 हॉक, 115 एडवांस जेट ट्रेनर (AJT) विमान की खरीद की।
3 सितंबर 2003 को हुई मीटिंग में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने 66 हॉक और 115 एयरक्राफ्ट की खरीद की मंजूरी दी थी। इसके अलावा लॉन्ग-टर्म प्रोडक्ट सपोर्ट के लिए भारत और ब्रिटेन की सरकारों के बीच एक इंटर-गवर्नमेंट एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर भी किए गए थे।
कैबिनेट से अप्रूवल के बाद 26 मार्च 2004 को मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस और ब्रिटिश एयरोस्पेस सिस्टम्स (रोल्स रॉयस) के बीच 2 कॉन्ट्रैक्ट्स साइन किए गए थे। पहला कॉन्ट्रेक्ट डायरेक्ट सप्लाई और मटेरियल्स के माध्यम से 24 हॉक एयरक्राफ्ट की सप्लाई का था। दूसरा कॉन्ट्रैक्ट 42 एयरक्राफ्ट के लिए टेक्नोलॉजी का ट्रांसफर का था।