Homeदेशसुप्रीम कोर्ट ने किया भूमि अधिग्रहण रद्द ,सरकार और वेदांत को फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने किया भूमि अधिग्रहण रद्द ,सरकार और वेदांत को फटकार

Published on

न्यूज़ डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा सरकार और वेदांता को फटकार लगाते हुए हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए भूमि अधिग्रहण को रद्द कर दिया है। ओडिशा सरकार ने वेदांता के लिए 2007 में भूमि अधिग्रहित की थी जिसे बाद में हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट ने इस भूमि अधिग्रहण को 2010 में ही रद्द कर दिया था। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था।

अदालत ने जमीन को उसके असली मालिकों को वापस देने का आदेश भी दिया है, साथ ही फाउंडेशन पर पांच लाख रुपयों का जुर्माना भी लगाया है। जमीन करीब 6,000 किसानों की थी जिनके परिवार के सदस्यों को मिला कर अधिग्रहण से प्रभावित लोगों की संख्या 30,000 के आस पास है।

2006 में वेदांता ने ओडिशा सरकार से कहा था कि कंपनी राज्य में एक विश्वविद्यालय बनाना चाह रही है जिसके लिए उससे 15,000 एकड़ जमीन की जरूरत है। यह जमीन पुरी जिले में बालूखंड वन्यजीव अभयारण्य के पास स्थित थी। राज्य सरकार की सलाह पर फाउंडेशन को निजी कंपनी से सार्वजनिक कंपनी बनाया गया। उसके बाद शिक्षण संस्थान बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण के योग्य बताया गया और फिर सरकार ने भूमि अधिग्रहित कर ली।

इसके बाद इस अधिग्रहण को चुनौती देते हुए जमीन के मूल मालिकों ने हाई कोर्ट में दो याचिकाएं दायर कीं। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने पाया कि अधिग्रहण की प्रक्रिया में भूमि अधिग्रहण कानून के कई प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है, राज्य सरकार के साथ धोखाधड़ी हुई है और पूरी प्रक्रिया ही विकृत है।

हाई कोर्ट ने इस जमीन और इसके अलावा अतिरिक्त सरकारी जमीन के अधिग्रहण को रद्द करने का आदेश दिया था। इसी आदेश को फाउंडेशन ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। फाउंडेशन की अपील को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराया। साथ ही फाउंडेशन को जुर्माने के रूप में अदालत के पास पांच लाख रुपए जमा करवाने का आदेश भी दिया, जो ओडिशा स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी को दे दिए जाएंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया कि जिस जमीन से दो नदियां हो कर गुजरती हैं, जिसके सिर्फ सड़क पार करने के बाद एक वन्य जीव अभयारण्य स्थित है, ऐसी जमीन एक फ्रॉड प्रक्रिया के तहत निजी उद्देश्य के लिए दिलवाने में सरकार ने “दिमाग नहीं लगाया। ”

अदालत ने यह भी कहा कि इस मामले में सरकार को निजी जमीन – वो भी कृषि जमीन – का अधिग्रहण करना था, ऐसे में कानून के तहत सरकार को यह पता करने की कोशिश करनी चाहिए थी कि इस जमीन को खरीदने में और किसी की भी रुचि है या नहीं। सिर्फ एक कंपनी के लिए सरकार ने प्रक्रिया का उल्लंघन किया और कंपनी को कई तरह के अनुचित लाभ पहुंचाए।

इनमें दाखिले, फीस, पाठ्यक्रम और स्टाफ की नियुक्ति में पूरी स्वायत्तता, राज्य सरकार के आरक्षण संबंधी कानूनों से पूरी छूट, नियामकों से अप्रूवल लेने में पूरी मदद, राजधानी से प्रस्तावित विश्वविद्यालय तक चौड़ी सड़क बनाने का वादा, लगभग सभी तरह के करों से छूट आदि शामिल है। इन सब तथ्यों के आधार पर अदालत ने राज्य सरकार को फाउंडेशन के प्रति पक्षपात का दोषी ठहराया। वेदांता इससे पहले भी भूमि अधिग्रहण को लेकर कई विवादों में फंस चुकी है।

Latest articles

रेखा-श्रीदेवी तो कॉस्मेटिक ब्यूटी हैं, असली ब्यूटी मैं हूं ,पर ममता कुलकर्णी की सफाई

बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी 90 के दशक की खूबसूरत एक्ट्रेस में शुमार है, जिनकी...

टी 20 में इंग्लैंड को तहस-नहस करने के बाद भारत अब वन डे में मचाएगा तूफान

भारत और इंग्लैंड के बीच तीन मैचों के वनडे सीरीज की शुरुआत गुरुवार से...

भारत – इंग्लैंड वनडे क्रिकेट सीरीज में विराट संग रोहित भी बना सकते हैं नए वर्ल्ड रिकॉर्ड

टी 20 क्रिकेट का खुमार अब समाप्त हो गया है।4-1सीरीज जीतने के बाद भारत...

आमिर खान की ‘गजनी 2’ पर बड़ा अपडेट, 1000 करोड़ रुपए का बजट

बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान साउथ एक्टर नागा चैतन्य और साई पल्लवी की अपकमिंग फिल्म...

More like this

रेखा-श्रीदेवी तो कॉस्मेटिक ब्यूटी हैं, असली ब्यूटी मैं हूं ,पर ममता कुलकर्णी की सफाई

बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी 90 के दशक की खूबसूरत एक्ट्रेस में शुमार है, जिनकी...

टी 20 में इंग्लैंड को तहस-नहस करने के बाद भारत अब वन डे में मचाएगा तूफान

भारत और इंग्लैंड के बीच तीन मैचों के वनडे सीरीज की शुरुआत गुरुवार से...

भारत – इंग्लैंड वनडे क्रिकेट सीरीज में विराट संग रोहित भी बना सकते हैं नए वर्ल्ड रिकॉर्ड

टी 20 क्रिकेट का खुमार अब समाप्त हो गया है।4-1सीरीज जीतने के बाद भारत...