विकास कुमार
ओडिशा के रायगड़ा जिले के मुनिगुड़ा में लैंड माफिया के आतंक से एक समाजसेवी दहशत में हैं। सुरक्षा की वजह से हम पीड़ित युवक का नाम नहीं बता सकते हैं। लेकिन इनकी आवाज में सिस्टम से छले जाने का दर्द छलक रहा है। दरअसल मुनिगुड़ा में बीस साल से जमीन माफिया का आतंक चल रहा है। आंध्र प्रदेश और बहरामपुर से लैंड माफिया आकर मुनिगुड़ा में बस गए। जब से ये लैंड माफिया मुनिगुड़ा आए,तब से ही यहां की सरकारी जमीन,जंगल की जमीन और गोचर की जमीन पर माफिया वे कब्जा कर रहे हैं। पीड़ित का कहना है कि लैंड माफिया को सरकारी अधिकारियों,रैंजर्स और पुलिस का संरक्षण हासिल है। इसलिए शिकायत करने के बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती।
लैंड माफिया ने मुनिगुड़ा इलाके के जंगल को साफ कर दिया है। रातों रात पूरे जंगली एरिया को काट कर जमीन को समतल कर दिया जाता है। इन काले करतूतों में लैंड माफिया को सरकारी अफसरों का पूरा साथ मिल रहा है। सरकारी अफसर करोड़ों का गोल माल करके ट्रांसफर करवा कर मुनिगुड़ा से चले जाते हैं। वहीं जिले के कलेक्टर को शिकायत करने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
वहीं मुनिगुड़ा में लैंड माफिया को मिली खुली छूट को लेकर पीड़ित ने ओडिशा सरकार के फाइव टी सेल को भी कॉल किया है। दरअसल फाइव टी ओडिशा सरकार का एक सेल है। जहां पीड़ित लोग फोन पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। लेकिन फाइव टी सेल पर शिकायत करने के बावजूद पीड़ित को इंसाफ नहीं मिल पाया है। माफिया और दलाल की तरफ से पीड़ित के परिवार को बार बार धमकी दी जा रही है। घर के एकमात्र कमाऊ सदस्य पर जानलेवा हमला भी किया गया है। ऐसे मे ओडिशा सरकार को पीड़ित परिवार को पहले पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराना चाहिए। और इसके बाद लैंड माफिया का जड़ से खात्मा करना चाहिए।