न्यूज़ डेस्क
संसद से सड़क तक पहली बार सत्तापक्ष और विपक्ष में रार मचा हुआ है। राहुल गाँधी के ब्रिटेन में दिए बयान पर सरकार जहां माफ़ी मांगने की मांग कर रहा है वही विपक्ष अब एक सुर से सरकार के खिलाफ न सिर्फ राहुल के उसी बयान को संसद के भीतर भी दोहरा रहा है बल्कि अडानी मसले की जांच की मांग भी कर रहा है। सरकार और विपक्ष की यह लड़ाई कहाँ तक जाएगी कहना मुश्किल है। इसी बीच राज्य सभा सांसद कपिल सिब्बल का ट्वीट के जरिये आया बयान सरकार के खेल को कुंद करने जैसा माना जा रहा है।
ब्रिटेन की हालिया यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘लोकतंत्र पर हमले’ संबंधी बयान को लेकर उठे राजनीतिक बवाल के बीच राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि चाहे देश में हो या विदेश में, सरकार की आलोचना करना नागरिकों का अधिकार है और इसका मतलब भारत-विरोधी या देशद्रोही होना नहीं है।बता दें कि गांधी की हालिया ब्रिटेन यात्रा के दौरान भारत में लोकतंत्र को लेकर की गई टिप्पणी के बाद संसद के दोनों सदनों में बजट सत्र के दूसरे भाग के पहले तीन दिनों में कोई भी महत्वपूर्ण कार्य नहीं हो सका।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सिब्बल ने एक ट्वीट में कहा, ‘सदन के कामकाज में व्यवधान, क्यों? न सरकार, भारत का पर्याय है और न भारत, सरकार का पर्याय है। चाहे देश में हो या विदेश में, सरकार की आलोचना करना एक नागरिक का अधिकार है। सरकार की आलोचना करने का मतलब भारत-विरोधी और देशद्रोही होना नहीं है।’ सिब्बल ने कहा, ‘मोदी जी ने अतीत में अक्सर ऐसा किया है।’
ब्रिटेन में अपने एक कार्यक्रम के दौरान, गांधी ने आरोप लगाया था कि भारतीय लोकतंत्र की संरचना और देश के संस्थानों पर ‘बड़े पैमाने पर हमले’ हो रहे हैं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने लंदन में ब्रिटिश सांसदों को यह भी बताया कि जब कोई विपक्षी सदस्य महत्वपूर्ण मुद्दा उठाता है तो लोकसभा में माइक्रोफोन अक्सर ‘बंद’ कर दिए जाते हैं, जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने गांधी पर विदेशी धरती पर भारत को बदनाम करने और विदेशी हस्तक्षेप की मांग करने का आरोप लगाया।