न्यूज डेस्क
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया को 20 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। सिसोदिया को सीबीआई ने आबकारी घोटाले में 25 फरवरी को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने कोर्ट से कहा कि उसे सिसोदिया की हिरासत की अब जरूरत नहीं है। सिसोदिया को विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल के समक्ष पेश किया गया था।
आप नेता को पूछताछ के लिए पहले पांच दिन और बाद में दो दिन के लिये सीबीआई की हिरासत में सौंपा गया था। यह अवधि समाप्त होने के बाद सिसोदिया को कोर्ट में आज पेश किया गया था। शुरुआत में, सीबीआई के वकील ने कोर्ट के समक्ष दलील दी कि जांच एजेंसी अभी आप नेता की हिरासत की फिलहाल मांग नहीं कर रही है, लेकिन बाद में आवश्यकता होने पर वह हिरासत का अनुरोध कर सकती है।
सीबीआई ने आप समर्थकों पर लगाया राजनीतिकरण करने का आरोप
सीबीआई ने आप समर्थकों पर मामले का ‘राजनीतिकरण’ करने का आरोप लगाया। कोर्ट ने कहा कि आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजने के लिए एक अर्जी दायर की गयी है। यह दलील दी गयी है कि सीबीआई हिरासत की अब आवश्यकता नहीं है और यदि आवश्यक हुई तो बाद में इसका अनुरोध किया जा सकता है।
चश्मा, डायरी और गीता साथ रखने की इजाजत
जेल भेजे जाने का आदेश आने के बाद मनीष सिसोदिया को कोर्ट ने जेल में भगवद गीता, चश्मा, दवा आदि ले जाने की अनुमति दी और तिहाड़ जेल के अधिकारियों को विपश्यना (ध्यान) की अनुमति देने के उनके अनुरोध पर विचार करने का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि सीबीआई ने 2021-22 की शराब नीति तैयार करने और इसके कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में पिछले सप्ताह सिसोदिया को गिरफ्तार किया था।