पटना: जमीन के बदले रेलवे में नौकरी के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। चार्जशीट में नौकरी पाने वालों को भी शामिल किया गया है। मामला लालू प्रसाद यादव के रेलमंत्री रहने के दौरान 2004 से 2009 के बीच का है। कई लोगों को रेलवे में नौकरी देने के बदले उनकी जमीन रजिस्ट्री कराई गई थी।
जमीन के एवज में करीबियों को नौकरी देने का है आरोप
जांच के दौरान पाया गया है कि आरोपी व्यक्तियों ने मध्य रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक और मुख्य कार्मिक अधिकारी के साथ साजिश में जमीन के एवज में या अपने करीबी रिश्तेदारों के नाम पर लोगों को नौकरी पर लगाया। आरोप लगाया गया है कि, पटना में नौकरी के इच्छुक परिवारों की 1 लाख वर्ग फुट से अधिक भूमि कथित तौर पर नौकरी के बदले लालू प्रसाद के परिवार को हस्तांतरित की गई थी।
मौजूदा सर्कल रेट से कम कीमत की गयी जमीन अधिग्रहित
सीबीआई ने आरोप लगाया कि जमीन मौजूदा सर्कल रेट से कम कीमत पर अधिग्रहित की गई थी। उम्मीदवारों ने रेल मंत्रालय को झूठे प्रमाणित दस्तावेज जमा किए। सीबीआई को पता चला है कि लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी और बेटी हेमा यादव को नौकरी चाहने वालों ने जमीन उपहार में दी थी।
सीबीआई तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद के ओएसडी को कर चुकी है गिरफ्तार
रेलवे कर्मचारी हरिदयानंद चौधरी और लालू प्रसाद के ओएसडी भोला यादव को पहले सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। भोला 2004 से 2009 के बीच लालू के ओएसडी थे। सीबीआई ने लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, उनकी दो बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव और अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों सहित 15 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
निजी कंपनी को उपहार में दी जमीन
सीबीआई ने कहा, 2004-2009 के दौरान लालू प्रसाद ने रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में ग्रुप डी पोस्ट में विकल्प की नियुक्ति के एवज में अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन हस्तांतरण के रूप में आर्थिक लाभ प्राप्त किया था। पटना के कई निवासियों ने, या तो स्वयं या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से, लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों और उनके परिवार द्वारा नियंत्रित एक निजी कंपनी को जमीन बेची या उपहार में दी। वह ऐसी अचल संपत्तियों के हस्तांतरण में भी शामिल थे।
नियुक्ति के लिए जारी नहीं किया गया विज्ञापन
सीबीआई ने कहा कि रेलवे में विकल्प की नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था, फिर भी पटना के निवासी उम्मीदवारों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में विभिन्न रेलवे क्षेत्रों में नियुक्त किया गया था।