न्यूज़ डेस्क
राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा की और यह यात्रा उन्हें भारत को समझने में मददगार भी साबित हुई। उनकी छवि बदली और एक गंभीर नेता के रूप में वे उभरे भी। लेकिन पार्टी के भीतर कई ऐसे नेता है जो आज भी हाशिये पर हैं और पार्टी की बदलती राजनीति से नाखुश भी हैं। ताजा उदहारण के तौर पर पायलट को आप ले सकते हैं। हालांकि पायलट अभी भी धैर्य के साथ राहुल की राजनीति के हमसफ़र हैं लेकिन उनके मन में एक टिस तो जरूर है। आगे क्या होगा देखना है। इधर भारत के पहले गवर्नर जेनेरल रहे सी राजगोपालाचारी के परपोते सी आर केसवन ने आज पार्टी की रणनीति से दुखी होकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है।
केसवन ने क्यों दिया इस्तीफा
अपने इस्तीफे में केसवन ने लिखा, वह दो दशक से पार्टी के लिए निष्ठापूर्वक काम कर रहे थे लेकिन उनको इसका कोई उचित प्रतिफल मिलता नहीं दिखाई दे रहा है।उन्होंने कहा, मैं अब विवेक पूर्वक पार्टी के विचारों के साथ और सहमत नहीं हो पा रहा हूं, यही वजह है कि मैंने हाल ही में राष्ट्रीय स्तर पर एक संगठनात्मक जिम्मेदारी निभाने से इंकार कर दिया था। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे पत्र में सीआर केसवन ने अपने इस्तीफे की कई वजहें गिनाईं हैं। उन्होंने कहा कि वह पार्टी के विचारों का पूरी ईमानदारी से समर्थन नहीं कर पा रहे हैं इसलिए ही उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर दी जा रही जिम्मेदारी को स्वीकार नहीं किया।
साथ ही उन्होंने कहा कि इसी वजह से वह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से भी दूर रहे। उन्होंने आगे कहा, यह मेरे लिए एक नया रास्ता तय करने का समय है, इसलिए मैं तत्काल प्रभाव से कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। मैंने तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी के रूप से भी अपना इस्तीफा उपयुक्त प्राधिकारी को सौंप दिया है।
कई नेताओं से दुखी है केसवन
कांग्रेस से इस्तीफे के बाद दूसरी पार्टी को ज्वाईन करने की अटकलों को केसवन ने खारिज कर दिया। केसवन ने कहा कि उन्होंने इसलिए इस्तीफा नहीं दिया है कि वह कोई नई पार्टी ज्वाईन करने जा रहे हैं बल्कि वह खुद नहीं जानते कि आगे वह क्या करने जा रहे हैं। वही एक न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए केसवन ने कहा कि कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांगा, यह निराशाजनक है। मैंने महसूस किया कि मेरा राजनीति करने का तरीका पार्टी के अनुरूप नहीं है, इसलिए मैं ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में भी शामिल नहीं हुआ। मुझे लगा कि अब मैं यहां का नहीं रहा।