न्यूज़ डेस्क
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आज की तारीख में ही चार साल पहले सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकियों ने हमला किया था जिसमे हमारे 40 जवान शहीद हो गए थे। 2019 में हुआ यह हमला आज भी देश को झकझोड़ता है और परेशान करता है। जिस तरीके से आतंकियों ने हमला दिया था ,वह आज भी कई सवालों को जन्म देता है।
कांग्रेस ने पूछे सरकार से तीन सवाल
पिछले चार साल से लगातार पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानो की याद में कई क्रायक्रम होते हैं और वर्षी भी मनाई जाती है लेकिन आजतक इसकी गुथ्थी सुलझ नहीं पाई है। कांग्रेस ने आज तीन सवाल किये हैं। कांग्रेस का पहला सवाल कि आतंकियों के पास 300 केजी आरडीएक्स कहानी से आया ?दूसरा सवाल है कि हमारे देश की जमीन पर इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक कैसे पहुंचा ?और तीसरा सवाल है कि अभी तक इस मामले की जांच कहाँ तक पहुंची ?
जम्मू कश्मीर पुलिस ने क्या कहा ?
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आज मंगलवार को पुलवामा आतंकी हमले की चौथी बरसी पर कहा कि हमले में शामिल 19 आतंकवादियों में से आठ मारे गए और सात को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि तीन पाकिस्तानी सहित चार अभी भी जीवित हैं। लेथपोरा स्मारक पर पुलवामा हमले के शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद अतिरिक्त डीजीपी (कश्मीर) विजय कुमार ने कहा कि तीन पाकिस्तानियों सहित चार अभी भी जीवित हैं। कुमार ने कहा कि सुरक्षा बलों ने घटना के लिए जिम्मेदार जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के लगभग सभी शीर्ष कमांडरों को निष्प्रभावी कर दिया है। उन्होंने कहा, वर्तमान में जैश के केवल 7-8 स्थानीय और मोसा सोलेमानी सहित 5-6 सक्रिय पाकिस्तानी आतंकी हैं। पुलिस उनको जल्द बेअसर कर देगी। .
पुलवामा में आज के दिन क्या हुआ था?
बता दें कि 14 फरवरी 2019, दिन गुरुवार समय 3.30 बजे। इस दिन जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर आत्मघाती हमला हुआ । सीआरपीएफ के लगभग 2,500 जवान लगभग 78 वाहनों में सवार थे और सीआरपीएफ का ये काफिला जम्मू से श्रीनगर जा रहा था। ज्यादातर जवान वो शामिल थे जो छुट्टी काटकर ड्यूटी पर लौटे थे। लेकिन जब काफिला जम्मू कश्मीर हाईवे पर अवंतिपोरा इलाके में पहुंचा ही था तो लगभग 3.30 बजे 100 किलो विस्फोटक से भरी कार काफिले में शामिल एक बस से टकरा गई थी। जिससे जोरदार धमाका हुआ था। इस धमाके से बस पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी। ऐसा धमाका जिसमें जवानों के चिथड़े-चिथड़े उड़ जाते हैं। इस धमाके बाद वहां का दृश्य देखने के बाद लोगों के दिल दहल गए थे। धमाके का काला धुआं उठा और सामने हमारे देश का अभिमान, हमारे जवानों के क्षत-विक्षत 40 शव धरती पर पड़े थे। लोग जवानों के क्षत-विक्षत शरीर देख बिलख रहे थे। परिवार के लोगों का क्या हाल था इसका आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते। बता दें कि ये हमला तीन दशकों में हुआ सबसे बड़ा हमला था।
जेएएम ने ली थी जिम्मेदारी
इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। जैश-ए-मोहम्मद के प्रवक्ता मोहम्मद हसन ने एक बयान जारी कर कहा था कि आदिल अहमद उर्फ वकास कमांडो ने इस हमले को अंजाम दिया था। वक़ास कमांडो को पुलवामा जिले का नागरिक बताया गया था।
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