जम्मू: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत से इनकार किया है। बुधवार को शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद का सफाया करेगी और इसे देश का सबसे शांतिपूर्ण स्थान बनाएगी।
‘जम्मू-कश्मीर में पूरी पारदर्शिता के साथ होंगे विधानसभा चुनाव’
शाह जम्मू-कश्मीर में एक रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा संशोधित मतदाता सूची प्रकाशित किए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में ‘पूरी पारदर्शिता के साथ’ विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे।
युवाओं से की हिंसा का रास्ता छोड़ने की अपील
गृह मंत्री ने युवाओं से हिंसा का रास्ता छोड़ने की अपील करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में 1990 से अब तक आतंकवाद ने 42,000 लोगों की जान ले ली है। उन्होंने इसके साथ ही सवाल किया कि क्या आतंकवाद ने कभी किसी को फायदा पहुंचाया है? उन्होंने जम्मू-कश्मीर में विकास नहीं होने के लिए अब्दुल्ला (नेशनल कॉन्फ्रेंस), मुफ्ती (पीडीपी) और नेहरू-गांधी (कांग्रेस) परिवारों को जिम्मेदार ठहराया, क्योंकि देश की आजादी के बाद से इन तीनों दलों ने ही ज्यादातर समय तत्कालीन राज्य में शासन किया था।
पाक से बातचीत की वकालत करने वालों को भी घेरा
शाह ने पाकिस्तान के साथ बातचीत की वकालत करने वालों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग कहते हैं कि हमें पाकिस्तान से बातचीत करनी चाहिए। हमें पाकिस्तान से बातचीत क्यों करनी चाहिए? हम कोई बातचीत नहीं करेंगे। हम बारामूला के लोगों से बात करेंगे, हम कश्मीर के लोगों से बात करेंगे।’ उन्होंने कहा कि मोदी सरकार आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करती है और वह इसका अंत और सफाया करना चाहती है।
जम्मू कश्मीर को बनाना चाहते हैं देश की सबसे शांतिपूर्ण जगह
शाह ने कहा,‘हम जम्मू कश्मीर को देश की सबसे शांतिपूर्ण जगह बनाना चाहते हैं।’ शाह ने कहा कि आतंकवाद के कारण भले ही 42,000 लोगों की जान चली गई लेकिन किसी भी नेता ने अपने बेटे को नहीं खोया। गृह मंत्री ने कहा कि कुछ लोग अक्सर पाकिस्तान के बारे में बात करते हैं, लेकिन वह जानना चाहते हैं कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के कितने गांवों में बिजली कनेक्शन हैं? उन्होंने कहा, ‘हमने पिछले तीन वर्षो में सुनिश्चित किया है कि कश्मीर के सभी गांवों में बिजली कनेक्शन हों।’
गृह मंत्री ने की सुरक्षा हालात की समीक्षा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा हालात की बुधवार को समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि तीन दिवसीय दौरे पर जम्मू-कश्मीर आए शाह ने केंद्रशासित प्रदेश में सुरक्षा हालात की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, खुफिया ब्यूरो के निदेशक, विभिन्न केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के महानिदेशक, पुलिस और वरिष्ठ सैन्य अधिकारी इस बैठक में मौजूद थे।
अजान की आवाज सुनकर रोका भाषण
अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में एक रैली के दौरान पास की मस्जिद में अजान होने पर अपना भाषण कुछ देर के लिए रोक दिया। उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के शौकत अली स्टेडियम में भाषण शुरू करने के पांच मिनट बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता शाह ने मंच पर खड़े लोगों से पूछा, ‘क्या मस्जिद में कुछ हो रहा है?’ जब मंच पर किसी ने उन्हें बताया कि ‘अजान‘ हो रही है, तो शाह ने अपना भाषण रोक दिया। इसपर लोगों ने तालियां बजाई और उनके समर्थन में नारे लगाए। कुछ देर बाद उन्होंने पूछा कि क्या अजान पूरी हो गई है और वह अपना भाषण शुरू करें? उन्होंने पूछा,‘‘मैं शुरू करूं या नहीं? जोर से बोलिए, शुरू करूं?’’ यह पूछने के बाद उन्होंने अपना भाषण शुरू कर दिया।