Apple के सीईओ टिम कुक ने हाल ही में कंपनी के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को भविष्य का सबसे बड़ा अवसर बताया। उन्होंने साफ कहा कि अगर Apple ने AI को पूरी तरह अपनाया नहीं तो कंपनी अपने प्रतिद्वंद्वियों से पीछे छूट जाएगी।
क्यूपर्टिनो हेडक्वार्टर में हुए ऑल-हैंड्स मीटिंग में कुक ने कर्मचारियों से कहा कि AI का प्रभाव इंटरनेट, स्मार्टफोन और क्लाउड कंप्यूटिंग से भी बड़ा साबित हो सकता है। उन्होंने जोड़ा “Apple को यह करना ही होगा, और हम इसे करेंगे। यह मौका हमारे सामने है”
कुक ने ज़ोर देकर कहा कि हर कर्मचारी को अपने दैनिक कामकाज और भविष्य के प्रोडक्ट डेवलपमेंट में AI को शामिल करना होगा।उनका कहना था कि हम सभी पहले से AI का इस्तेमाल कर रहे हैं,लेकिन अब इसे कंपनी स्तर पर भी लागू करना ज़रूरी है।देर से शुरुआत लेकिन गेम-चेंजर बनने का भरोसा
कुक ने स्वीकार किया कि Apple ने AI की शुरुआत देर से की है क्योंकि Apple Intelligence उसके प्रतिद्वंद्वी ChatGPT और Google के टूल्स के बाद आया। लेकिन उन्होंने कंपनी की पुरानी रणनीति का हवाला दिया कि Apple अक्सर देर से एंट्री करता है,लेकिन पूरे सेक्टर को नया आकार देता है। कुक ने कहा “Mac से पहले पीसी मौजूद था और iPhone से पहले स्मार्टफोन था,लेकिन हमने इन्हें आधुनिक रूप दिया। AI के साथ भी यही होगा।
अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम पीछे रह जाएंगे और यह विकल्प हमारे पास नहीं है।
सीनियर वीपी क्रेग फेडरिघी ने खुलासा किया कि कंपनी ने हाइब्रिड Siri सिस्टम की योजना छोड़ दी क्योंकि यह Apple के उच्च मानकों पर खरा नहीं उतर रहा था।अब Siri को पूरी तरह से लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स (LLMs) पर आधारित किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट की कमान Vision Pro के निर्माता माइक रॉकवेल को सौंपी गई है।
पिछले एक साल में Apple ने 12,000 नए कर्मचारियों को नियुक्त किया जिनमें से करीब 40% रिसर्च और डेवलपमेंट में लगे हैं ताकि AI प्रोजेक्ट्स को गति दी जा सके। कंपनी अपने खुद के क्लाउड-कंप्यूटिंग चिप्स (कोडनेम: Baltra) पर काम कर रही है और अमेरिका के ह्यूस्टन में एक AI सर्वर फैसिलिटी भी बना रही है।