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जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति ने हरिवंश को बुलाया, चर्चाओं का बाजार गर्म

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केंद्र सरकार ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को अधिसूचित कर दिया।धनखड़ ने सोमवार को रात में अचानक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए तत्काल प्रभाव से उपराष्ट्रपति पद छोड़ने की जानकारी दी थी।धनखड़ ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति का पदभार संभाला था और उनका कार्यकाल 2027 तक था। उनका इस्तीफा संसद के मानसून सत्र के पहले दिन आया।

धनखड़ ने राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में कहा कि स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं। उन्होंने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा, कि मैं भारत के राष्ट्रपति के प्रति गहरी कृतज्ञता प्रकट करता हूं, जिनका समर्थन अडिग रहा। उनके साथ मेरा कार्यकाल शांतिपूर्ण और बेहतरीन रहा।धनखड़ ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं।प्रधानमंत्री का सहयोग और समर्थन अमूल्य रहा है और मैंने अपने कार्यकाल के दौरान उनसे बहुत कुछ सीखा है।उन्होंने कहा कि सभी संसद सदस्यों से मुझे जो गर्मजोशी, विश्वास और स्नेह मिला है, वह सदैव मेरी स्मृति में रहेगा। धनखड़ ने यह भी कहा कि वह भारत के लोकतंत्र में उपराष्ट्रपति के रूप में प्राप्त अमूल्य अनुभवों और ज्ञान के लिए बहुत आभारी हैं।उन्होंने पत्र में कहा कि इस महत्वपूर्ण अवधि के दौरान भारत की उल्लेखनीय आर्थिक प्रगति और अभूतपूर्व विकास को देखना और उसमें भाग लेना सौभाग्य और संतुष्टि की बात है।हमारे राष्ट्र के इतिहास के इस परिवर्तनकारी युग में सेवा करना एक सच्चा सम्मान है।उन्होंने कहा कि इस सम्मानित पद से विदा लेते हुए, मैं भारत के वैश्विक उत्थान और अभूतपूर्व उपलब्धियों पर गर्व महसूस कर रहा हूं और इसके उज्ज्वल भविष्य में अटूट विश्वास रखता हूं।

उपराष्ट्रपति पद से धनखड़ के इस्तीफा देने के एक दिन बाद मंगलवार को राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने सदन की सुबह की कार्यवाही की अध्यक्षता की। हरिवंश ने सदस्यों को बताया कि भारत के उपराष्ट्रपति पद पर चयन किए जाने की संवैधानिक प्रक्रिया के बारे में जब उन्हें जानकारी मिलेगी तो वह इसके बारे में बताएंगे।उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं।आमतौर पर धनखड़ दिन की शुरुआत में राज्यसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता करते थे।

जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा देने के बाद से ही अगले उपराष्ट्रपति के नाम को लेकर चर्चा शुरू हो गई। सोशल मीडिया में अटकलों का दौर जारी है। जिसमें एक नाम जिसकी सबसे अधिक चर्चा की जा रही है, उसमें राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह शामिल हैं।हरिवंश जेडीयू से राज्यसभा सांसद हैं।अब जब राष्ट्रपति ने उन्हें मिलने के लिए बुलाया है, तो चर्चाओं का बाजार और भी गर्म हो गया है। यूजर कमेंट्स में लिख रहे हैं कि हरिवंश देश के अगले उपराष्ट्रपति बनने वाले हैं।हालांकि अभी न तो उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव की घोषणा हुई है और न ही किसी के नाम की आधिकारिक घोषणा ही की गई है।

बात अगर उपराष्ट्रपति के अगले चुनाव की की जाय तो नियमों के मुताबिक, अगर देश का उपराष्ट्रपति अपने पद से इस्तीफा दे देता है या किन्हीं कारणों से वह पद पर नहीं रहता है तो पद की रिक्ति को भरने के लिए औपचारिक चुनाव उनके त्यागपत्र के 60 दिनों के भीतर कराना आवश्यक होता है।संविधान के नियमों के अनुसार, इस अवधि में राज्यसभा के उपसभापति उच्च सदन के कार्यवाहक सभापति के रूप में कार्यभार संभालते हैं।वर्तमान में यह पद हरिवंश नारायण सिंह के पास है।

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