बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर हलचल तेज है।राजनीतिक नेताओं के साथ-साथ चुनाव आयोग की ओर से भी तैयारी जोर-शोर से हो रही है।इस बीच आज ही नीतीश कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें 24 एजेंडों पर मुहर लगी।इस बैठक में बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भी बड़ा फैसला लिया गया। दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए चुनाव में इस्तेमाल होने वाले चुनाव सामग्री छापने के लिए बिहार सरकार ने तय किया है कि, कोलकाता की सरस्वती प्रेस लिमिटेड को यह काम करने की इजाजत दी जाएगी।
कोलकाता की सरस्वती प्रेस लिमिटेड से चुनाव सामग्री की छपाई के साथ ही यह कैबिनेट भी फैसला लिया गया है कि सरकार ने यह अनुमति बिहार वित्त नियमावली 2024 के नियम 131द के तहत दी है। इस तरह से कैबिनेट में यह साफ कर दिया गया है कि, चुनाव सामग्री छापने के लिए जिम्मेदारी कोलकाता की सरस्वती प्रेस लिमिटेड को ही दी जाएगी।गौरतलब है कि, चुनाव आयोग की ओर से वोटर लिस्ट को लेकर इन दिनों अभियान चलाया जा रहा है।विशेष मतदाता गहन पुनरीक्षण अभियान के तहत पूरे बिहार में मतदाता सूची को अपडेट करने, पात्र नागरिकों को जोड़ने और त्रुटियों को सुधारने का काम व्यापक स्तर पर किया जा रहा है।ऐसे में कैबिनेट मीटिंग में बड़ा फैसला लिया गया।
कोलकाता के सरस्वती प्रेस को चुनाव सामग्री की छपाई के अलावा भी आज की नीतीश कैबिनेट की बैठक में कई अन्य मुख्य एजेंडों पर मुहर लगी, जैसा कि, राज्य के वरिष्ठ और आजीविका से जूझ रहे कलाकारों को पेंशन के रूप में 3000 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे।सीतामढ़ी के पुनौराधाम को अयोध्या की तर्ज पर विकसित करने की महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दी गई। करीब 883 करोड़ की लागत से यह धार्मिक परियोजना राज्य में आस्था और पर्यटन को नई ऊंचाई देगी।इसके अलावा भी कई अन्य विभागों से जुड़े अहम एजेंडों पर मुहर लगाई गई।