पहलगाम आतंकी हमले के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शनिवार 03 अप्रैल, 2025 को मुलाकात की है। ये मुलाकात प्रधानमंत्री आवास पर हुई और करीब आधे घंटे तक मीटिंग चली। सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच हमले के बाद उभरती स्थिति पर चर्चा हुई।
सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला प्रधानमंत्री मोदी के साथ सिंधु जल संधि को स्थगित किए जाने और इसके प्रभाव पर भी चर्चा की है, जिसका सबसे अधिक असर जम्मू-कश्मीर पर पड़ेगा। इस आतंकी हमले के बाद उमर अब्दुल्ला ने कड़ा संदेश देते हुए कहा था कि उनकी राजनीति इतनी ओछी नहीं है कि इस त्रासदी के समय अपनी सरकार से पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग करे।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान कहा था, जम्मू-कश्मीर फिलहाल चुनी हुई सरकार की जिम्मेदारी नहीं है लेकिन मैं इस मौके का इस्तेमाल राज्य का दर्जा मांगने के लिए नहीं करना चाहता। मैं पहलगाम त्रासदी का इस्तेमाल केंद्र से राज्य का दर्जा मांगने के लिए कैसे कर सकता हूं? क्या मेरी राजनीति इतनी सस्ती है? क्या मैं इन 26 लोगों की जान को इतना कम महत्व देता हूं? हमने पहले भी राज्य के दर्जे के बारे में बात की है और भविष्य में भी करेंगे, लेकिन अगर मैं केंद्र से जाकर इसके लिए कहता हूं तो यह मेरे लिए शर्म की बात है। इस समय कोई राजनीति नहीं, कोई कारोबार नहीं, कोई राज्य का दर्जा नहीं। यह समय केवल इस हमले की कड़ी निंदा करने और पीड़ितों के प्रति दिल से समर्थन जताने का है।