तिमारपुर दिल्ली की 70 विधानसभा सीट में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह क्षेत्र पूर्वी दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है। 1972 में इस विधानसभा क्षेत्र से पहली बार कांग्रेस के अमरनाथ मल्होत्रा विधायक चुने गए थे। इस सीट पर कांग्रेस ने लगातार तीन बार जीत हासिल की है। भाजपा को सिर्फ एक बार 1993 में जीत हासिल हुई थी। पिछले तीन विधानसभा चुनावों से यहां पर आम आदमी पार्टी को बहुमत हासिल होता रहा है। वर्तमान में यहां से आम आदमी पार्टी के दिलीप पांडे विधायक हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय के नजदीक स्थित यह क्षेत्र थायरॉयड के इलाज का केंद्र माना जाता है। पेड़ों से घिरा यह इलाका ब्रिटिश काल में अंग्रेजी सेना के इस्तेमाल में आता था। ऐतिहासिक रूप से यह इलाका बेहद समृद्ध माना जाता है। तिमारपुर में सरकारी कॉलोनियों में लगने वाला बुध बाजार लोगों के आकर्षण का केंद्र रहता है।
साल 2013 के विधानसभा चुनाव परिणाम पर नजर डालें तो इस सीट पर आम आदमी पार्टी के हरीश खन्ना ने भारतीय जनता पार्टी की रजनी अब्बी को 3 हजार 383 वोटों से हराकर अपना परचम लहराया था। आम आदमी पार्टी के हरीश खन्ना को कुल 39 हजार 650 वोट मिले थे जबकि दूसरे स्थान पर रहे भारतीय जनता पार्टी की रजनी अब्बी को 36 हजार 267 वोट मिले थे तो वहीं तीसरे स्थान पर रहे कांग्रेस के सुरिंदर पाल सिंह को 32 हजार 825 वोट मिले थे।
साल 2015 के विधानसभा चुनाव परिणाम पर नजर डालें तो इस सीट पर आम आदमी पार्टी के पंकज पुष्कर ने भारतीय जनता पार्टी की रजनी अब्बी को 20 हजार 647 वोटों से हराकर अपना परचम लहराया था। आम आदमी पार्टी के पंकज पुष्कर को कुल 64 हजार 477 वोट मिले थे जबकि दूसरे स्थान पर रहे भारतीय जनता पार्टी की रजनी अब्बी को 43 हजार 830 वोट मिले थे तो वहीं तीसरे स्थान पर रहे कांग्रेस के सुरिंदर पाल सिंह को 14 हजार 642 वोट मिले थे।
पिछले विधानसभा चुनाव परिणाम पर नजर डालें तो इस सीट पर आम आदमी पार्टी के दिलीप पांडे ने भारतीय जनता पार्टी के सुरिंदर पाल को 24144 वोटों से हराया था। दिलीप पांड को 71432 वोट मिले थे,भाजपा के सुरिंदर पाल 47288 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे वहीं कांग्रेस के अमरलता सांगवान को 3102 हासिल हुए थे।
तिमारपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी क्रमश: तीन तीन बार शासन किया है। लेकिन यहां के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे हैं। इन दलों ने लोगों को विकास के सपने दिखाकर सत्ता तो हासिल कर ली लेकिन क्षेत्र में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है।
अहम मुद्दे:
पार्किंग यहां की सबसे बड़ी समस्या है इसके अलावा जर्जर सड़कें, वजीराबाद की कॉलोनियों में साफ-सफाई की समस्या। वजीराबाद व कबीर बस्ती सहित कई इलाके में सीवरेज की समस्या। अतिक्रमण की वजह से जाम लगता है। क्षेत्र में बढ़ते अपराध की घटनाओं से लोग परेशान हैं। अस्पताल, शिक्षा बिजली और सार्वजनिक शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं का इस क्षेत्र में अभाव है।
दिल्ली को लेकर उदय भारतम् पार्टी का दृष्टिकोण, सिर्फ राजनीति के सहारे विधानसभा और संसद में प्रवेश कर सत्ता सुख प्राप्त करना नहीं है,बल्कि उदय भारतम् पार्टी सही मायने में दिल्ली के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उदय भारतम् पार्टी देश की प्राचीन सनातन सभ्यता के आदर्शों और ज्ञान की पुनर्स्थापना कर भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए एक संपूर्ण क्रांति लाने की पक्षधर है।