न्यूज डेस्क
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने देश के 50 महत्वपूर्ण संस्थानों में अध्यक्ष के पद खाली होने को लेकर मोदी सरकार पर कड़ा हमला किया और कहा कि विश्व स्तर की शिक्षा व्यवस्था कायम करने की बात करते हैं लेकिन बुनियादी बात पर ध्यान नहीं देते हैं।
खड़गे ने ट्वीट किया राष्ट्रीय महत्व के 50 संस्थान बिना अध्यक्ष के हैं। आपकी सरकार के सत्ता में आने के साल से 10 पद खाली हैं। कई संस्थानों ने सरकार को लिखा है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। आप ‘विश्व स्तरीय भविष्यवादी शिक्षा’ के बारे में बोलते हैं लेकिन ‘मूल बातें’ भूल जाते हैं। इसके साथ ही उन्होंने एक चार्ट भी दिया है जिसमें बिना पूर्णकालिक अध्यक्ष वाले संस्थानों का विवरण देते हुए कहा है कि देश के सात आईआईटी, 22 एनआईटी तथा 20 आईआईआईटी में पूर्ण कालिक अध्यक्ष नहीं हैं।
खडगे के इस ट्वीट के बाद कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। जिस देश की बड़ी संस्थाएं ही अध्यक्ष के बिना चल रही है उसके भाविष्य के बारे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।
उधर कई विपक्षी दल भी इस मसले पर सरकार को घेरते रहे हैं लेकिन सरकार मौन रहती है। ऐसे में कहा जा सकता है कि सरकार की प्रायरिटी में शिक्षा का मामला केवल दिखावा से ज्यादा कुछ भी नही।
सरकार की प्राथमिकता चुनाव और सत्ता को है और इसमें वह पारंगत भी है। चुनाव को लेकर सरकार खर्च करने में पीछे नहीं हटती लेकिन अध्यक्ष की नियुक्ति भारी पड़ती है।