अखिलेश अखिल
प्रधानमंत्री मोदी से प्रार्थना ही की जा सकती है। तो प्रार्थना ये है कि राष्ट्र की धरोहर उन महिला पहलवानो की आवाज सुनिए और अपने नेता बृजभूषण को सजा दीजिये। जंतर मंतर पर यही मांग 30 से ज्यादा ख्याति प्राप्त रेसलर कर रहे हैं और उनकी आवाज को देश के युवा और जनता समवेत स्वर दे रहे हैं। क्या कोईख्याति प्राप्त और गोल्ड मेडलिस्ट खिलाड़ी अपने दामन पर कभी इल्जाम स्वीकार कर सकते है ? लेकिन हमारे देश के रेसलर सीना ठोककर जब यह कह रहे हैं कि महिला रेसलरों के साथ यौन उत्पीड़न की घटनाये हुई है और संघ के अध्यक्ष बृजभूषण इसके घेरे में हैं। तब बचता ही क्या है ?
क्या दूसरी पार्टी की सरकार रहती तो तो आप के लोग ऐसे ही चुप रहते ? क्या आपकी पार्टी की महिला नेत्रियां ऐसे ही मौन होती ? और क्या आपके पार्टी के बड़बोले कथित नेता और प्रवक्ता देश के भीतर सनसनी नहीं फैला देते ? और क्या आपका प्रचारतंत्र देश को सुलगा नहीं देता ? इसलिए राजनीति को साधने से ज्यादा अपने ईमान की बात सोचिये और संस्कृति और संस्कार के मद्दे नजर संघ के अध्यक्ष को हटाइये .उस पर कार्रवाई करिये। आपने ही तो कहा है कि बेटियों की रक्षा में आपकी सरकार सदैव तत्पर है तो इस बात को ही याद कर महिला रेसलर के साथ जघन्य अन्याय और पाप करने वालो को सजा दीजिये।
आरोप की वजह से ही इसी देश में कई सरकार गई है। कई नेता आरोप की वजह से ही रसातल में चले गए। आरोप की वजह से कई नेताओं की राजनीति ख़त्म हो गए। आपको याद की होगा कि पिछली सरकार पर आरोप लगाकर ही उसे चलता कर दिया गया था। तब ही तो आप आये थे ! और जिन पर आरोप लग गए वे जल्दी धुलते भी नहीं। लेकिन राजनीति तो यही कहती है कि महिलाओं के साथ अपमानजनक काम करने वाले को कभी क्षमा नहीं करना चाहिए। इसलिए आपकी पहली प्राथमिकता तो यही होनी चाहिए कि आरोपी को सबसे पहले पद से हटाएँ और फिर उसकी मुकम्मल जांच कराये।
इस जानते हैं कि आपके सांसद बृजभूषण शरण कौन हैं ? और क्या इनका इतिहास रहा है ? आप केवल यही जानते हैं कि आपकी पार्टी के बड़े नेता है और 6 बार से लगातार चुनाव जीतकर बीजेपी को मजबूत किये हुए हैं। आपके लिए सरकार बनाने के लिए एक एक सांसद की बड़ी जरूरत होती है लेकिन जब राजनीति पतित हो जाती है और नेता अधम बनता दिखता है तो उसे त्याग देना ही चाहिए। ऐसे लोगों को साथ रखने से आपकी पार्टी भी कलंकित होगी और देश समाज भी। आज ऐसे ही आदमी के कारण राष्ट्र की संपत्ति रेसलर हो रही हैं।
आपको पता है कि रेसलर और सांसद की औकात में क्या अंतर है ? आपके सांसद एक इलाके तक ही जाने जाते हैं। झूठ बोलना ,ठगी करना ,डाका डालना और न जाने कितने आपराधिक मामले के आरोपी नेता कभी भी लोकतंत्र का प्रहरी नहीं हो सकता। संभव है कि उसकी दवँगता के सामने इलाके के लोग उसे भगवान् मानते हों और बार -बार चुनाव जिताते हों लेकिन रेसलर की इज्जत उससे कही आगे की है। रेसलर की पहचान अंतर्राष्ट्रीय होती है। रेसलर राष्ट्र की संपत्ति होते है और नेता को क्या कहा जाए।
रेसलर के साथ आज पूरा देश खड़ा होता जा रहा है। प्रियंका गांधी भी खड़ी हो गई है लेकिन आपकी पार्टी की कोई महिला अभी खड़ी क्यों नहीं हुई ? कहने को बबिता फोगट भी कड़ी हुई है जो आपकी पार्टी की नेता है लेकिन नेता से पहले वह खिलाड़ी भी हैं। बबिता को दर्द है और अहसास भी। इस मामले में अभी तक खेल मंत्रालय और खेल मंत्री की चुप्पी बहुत कुछ कहती है। इसलिए हे प्रधानमंत्री जी सामने चुनाव है। कही रंग में भांग न हो जाए इसलिए रेसलर को न्याय दीजिये। सेंगर की कहानी ऐसे भी बीजेपी को दर्द दिए हुए है ,कही बृजभूषण की कहानी घाव न बज जाए।