Homeदेशक्या रद्द हो जाएगी नीतीश सरकार की जातिगत जनगणना ?

क्या रद्द हो जाएगी नीतीश सरकार की जातिगत जनगणना ?

Published on

नई दिल्ली (अखिलेश अखिल): पीएम मोदी की राजनीति को घेरने के लिए बिहार की नीतीश की अगुवाई वाली महागठबंधन के सरकार ने जातिगत जनगणना की शुरुआत 7 जनवरी से की। इसकी मांग काफी पहले से बिहार के सभी दल केंद्र से कर रहे थे लेकिन केंद्र ने जब जातिगत जनगणना कराने से इंकार कर दिया तब नीतीश कुमार पहले बीजेपी से अलग हुए और फिर बिहार सरकार अपने खर्च पर जातिगत जनगणना की शुरुआत कर दी। लेकिन अब लगता है कि बिहार में जारी जातिगत जनगणना पर कही रोक न लग जाए। बिहार की नीतीश कुमार सरकार की ओर से राज्य में कराई जाने वाली जातिगत जनगणना के खिलाफ दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। कोर्ट ने मामले में तत्काल सुनवाई के लिए भी हामी भी भर दी है। सर्वोच्च न्यायालय याचिका पर 13 जनवरी को सुनवाई करेगा।

याचिकाकर्ता अधिवक्ता बरुण कुमार सिन्हा ने जनहित याचिका में बिहार सरकार के उप सचिव द्वारा राज्य में जातिगत जनगणना कराने के लिए जारी अधिसूचना को रद्द करने और अधिकारियों को इस पर आगे बढ़ने से रोकने की मांग की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि छह जून 2022 को जारी अधिसूचना संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करती है, जिसमें विधि के समक्ष समानता और कानून के समान सरंक्षण का प्रावधान है। याचिकाकर्ता ने कहा कि अधिसूचना गैर कानूनी, मनमानी, अतार्किक और असंवैधानिक है।

उधर इस मामले में एक और याचिका बिहार नालंदा निवासी अखिलेश कुमार ने भी डाली है। इस याचिका में कहा गया है कि अगर जाति आधारित सर्वेक्षण का घोषित उद्देश्य उत्पीड़न की शिकार जातियों को समायोजित करना है तो देश और जाति आधारित भेद करना तर्कहीन और अनुचित है। इनमें से कोई भी भेद कानून में प्रकट किए गए उद्देश्य के अनुरूप नहीं है।

संवैधानिक दृष्टिकोण से ये दोनों याचिकाएं अपनी जगह सही है। अब कोर्ट को यह निर्णय लेना है कि इन याचिकाओं में उठाये गए सवाल का विश्लेषण किस रूप में किया जाए। केंद्र सरकार पहले ही इस मामले से पीछे हट गई है। और अब सुप्रीम कोर्ट इस पर कोई निर्णय लेता है और जातिगत जनगणना पर टिप्पणी करता है तो बिहार की यह राजनीति रुक जायेगी।

कहा जा रहा है कि इस याचिका के पीछे बीजेपी और नीतीश के खिलाफ काम करने वाले लोग खड़े हैं। जानकार कह रहे हैं कि बिहार का विपक्ष नहीं चाहता है कि जातिगत जनगणना हो और इसका असर आगामी लोकसभा चुनाव पर भी पड़े।
बीजेपी को यह भी आशंका है कि अगर बिहार में जातिगत जनगणना का परिणाम सत्ता पक्ष के अनुकूल हुया तो इसका असर देश के अन्य राज्यों में भी होगा और फिर इस तरह की मांग उन राज्यों में भी की जाने लगेगी। बीजेपी को यह भी भय है कि जातिगत जनगणना से उसके हिन्दू वोटों का बंटवारा होगा और ऐसा हुआ तो बीजेपी की परेशानी बढ़ेगी।

याचिका के पीछे चाहे जिसकी रणनीति काम कर रही हो लेकिन जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच ही गया है तो अब इस बात की सम्भावना बढ़ गई कि याचिका में जो सवाल उठाये गए हैं ,अगर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से इस बावत कोई सवाल किया और ततकाल जनगणना पर रोक लगा दिया तो नीतीश कुमार का खेल बिगड़ सकता है।

 

Latest articles

केरल में बीजेपी का कमाल! खत्म हुआ 40 साल का बनवास, वीवी राजेश बने तिरुअनंतपुरम के मेयर

केरल में बीजेपी ने इतिहास रच दिया है।करीब चार दशकों के एलडीएफ शासन को...

नजरअंदाज हो सकता,भारत ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा पर जताई चिंता

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ लगातार हो रही हिंसा को लेकर भारत ने गहरी...

सिम कार्ड हैक कर पहुंचते हैं आपके बैंक अकाउंट तक,जान लें इसे लॉक करने का तरीका

क्या आपको कभी डर लगा है कि कोई आपका मोबाइल नंबर चुरा कर आपके...

सर्दियों में गलती से भी मत कर देना ये गलतियां, वरना खराब हो जाएगी किडनी की हेल्थ

सर्दियों के मौसम में कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी बढ़ जाती हैं। खासकर किडनी...

More like this

केरल में बीजेपी का कमाल! खत्म हुआ 40 साल का बनवास, वीवी राजेश बने तिरुअनंतपुरम के मेयर

केरल में बीजेपी ने इतिहास रच दिया है।करीब चार दशकों के एलडीएफ शासन को...

नजरअंदाज हो सकता,भारत ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा पर जताई चिंता

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ लगातार हो रही हिंसा को लेकर भारत ने गहरी...

सिम कार्ड हैक कर पहुंचते हैं आपके बैंक अकाउंट तक,जान लें इसे लॉक करने का तरीका

क्या आपको कभी डर लगा है कि कोई आपका मोबाइल नंबर चुरा कर आपके...