न्यूज़ डेस्क
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता सुशील मोदी कैंसर से पीड़ित है। इस बात की जानकारी उन्होंने खुद ही दी है। उन्होंने ट्वीट करके कहा है कि पिछले 6 महीने से कैंसर की बीमारी से संघर्ष कर रहा हूं। लोकसभा चुनाव 2024 सिर पर हैं, लेकिन इस बार चुनाव में सहयोग नहीं कर पाऊंगा।
उन्होंने कहा है कि वे किसी तरह की चुनावी गतिविधि में शामिल हो पाएंगे । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सब कुछ बता दिया है। सोचा अपने समर्थकों को भी इसकी जानकारी दे दूं, इसलिए ट्वीट लिखा। देश सेवा करने का मौका देने के लिए बिहार और पार्टी का तहेदिल से शुक्रगुजार हूं।
बता दें कि सुशील मोदी पिछले काफी समय से सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आए हैं, लेकिन वे सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं और बयान जारी करते रहते हैं। इस बीच अपनी बीमारी की खबर देकर उन्होंने अपने समर्थकों को निराशा के भावों में डुबो दिया है।
बता दें कि सुशील मोदी का करीब 33 साल कर राजनीतिक करियर है। वे भाजपा के सदस्य हैं और बिहार से राज्यसभा सांसद थे। हाल ही में उनकी सदस्यता का पीरियड खत्म हुआ है। वे अपने करियर में विधानसभा, विधान परिषद, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं। बिहार के उप-मुख्यमंत्री रह चुके हैं। बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष भी नियुक्त हुए थे।
उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव लड़कर राजनीति में एंट्री की थी। उस समय वे छात्र संघ के महासचिव बने थे। लालू प्रसाद यादव जो आज उनके धुर विरोधी हैं, उन चुनाव में अध्यक्ष बने थे। जय प्रकाश नारायण से प्रभावित होकर वे राजनीति में आए थे। वे करीब 19 महीने जेल में भी रह चुके हैं। वे सुशील मोदी ही थे, जिन्होंने इंदिरा गांधी सरकार द्वारा पारित कानून मीसा को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया था और केस जीते भी थे।
सुशील मोदी भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी के करीबी रहे हैं और उनका केंद्रीय मंत्री बनने का सपना भी है, लेकिन अभी तक यह सपना पूरा नहीं हो पाया है। सुशील मोदी एबीवीपी के राज्य सचिव भी बने थे।
1990 में पहली बार बिहार विधानसभा चुनाव जीता और 2004 तक चुनाव जीतते रहे। इस दौरान वे विधायक और नेता प्रतिपक्ष रहे। 2004 में सुशील मोदी पहली बार भागलपुर लोकसभी सीट से चुनाव जीतकर सांसद बने। नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री बने। 2020 तक नीतीश की सरकार रही और वे उप-मुख्यमंत्री बनते रहे।