देहरादून: उत्तराखंड के जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव से स्थिति लगातार बिगड़ रही है। भू-धंसाव ने अब सभी वार्डों को अपनी चपेट में ले लिया है। बुधवार को जोशीमठ से 66 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया। अब तक 77 परिवार शिफ्ट किए जा चुके हैं। बुधवार को जेपी कॉलोनी के 50 प्रभावित परिवारों को कंपनी ने और अलग-अलग वार्डों से 16 प्रभावित परिवारो को प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया। इससे पूर्व 11 परिवारों को शिफ्ट किया जा चुका है। जोशीमठ में अब तक 561 घरों में दरारें आ गई हैं।
#WATCH | Land subsidence and cracks in many houses continue in Uttarakhand’s Joshimath. Cracks have appeared on 561 houses in Joshimath, and water seepage continues from underground in JP Colony, Marwadi. pic.twitter.com/vo7IxIh1Xl
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 5, 2023
एशिया की सबसे लंबी रोपवे बंद
जमीन धंसने के बाद जोशीमठ जोशीमठ-ओली में एशिया की सबसे लंबी रोपवे बंद करने का फैसला लिया गया है। जोशीमठ में जमीन धंसने की वजह से कई जगहों पर पानी भी निकलने लगा है। इसे लेकर तमाम तरह की आशंकाएं जताई जा रही हैं। बीते मंगलवार को जोशीमठ के मारवाड़ी क्षेत्र मे अचानक जमीन के नीचे से पानी निकलने की वजह से लोग दहशत आ गये।
जोशीमठ की पहाड़ी के नीचे निकाली जा रही सुरंग
उत्तराखंड में भूस्खलन की घटनाएं पहाड़ी क्षेत्र की वजह से सामान्य मानी जाती हैं। हालांकि, पर्यावरणविदों का मानना है कि बीते कुछ सालों में विकास की कई परियोजनाओं की वजह से जोशीमठ जैसे कई इलाकों का यही हाल हो गया है। लोगों का कहना है कि जोशीमठ की पहाड़ी के नीचे सुरंग से निकाली जा रही विष्णुगाढ़ जल विद्युत परियोजना की वजह से ही जोशीमठ में जमीन दरक रही है।
प्रभावित परिवारों ने निकाला मशाल जुलूस
भू-धंसाव से प्रभावित परिवारों का गुस्सा बुधवार को फूट पड़ा जोशीमठ संघर्ष समिति के आह्वान पर बुधवार को देर शाम लोगों ने हाथ मे मशाल लेकर ब्रदीनाथ स्टैंड से मारवाड़ी चौक तक सरकार और एनटीपीसी के खिलाफ प्रदर्शन किया। गुरुवार को जोशीमठ में सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद रहे।प्रभावितों ने हाईवे पर जाम लगा दिया। किसी भी वाहन को आगे नहीं जाने दिया गया। प्रभावित परिवार हाईवे पर ही बैठ गए। मौके पर पर मौजूद अधिकारियों ने प्रभावितों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया, लेकिन वे नहीं माने। प्रशासनिक अधिकारियों ने लोगों को आश्वासन दिया कि बदरीनाथ हाईवे पर हेलंग बाईपास मार्ग के निर्माण के साथ ही एनटीपीसी के परियोजना निर्माण कार्य को तत्काल रोकने के निर्देश दे दिए गए हैं।
Uttarakhand | A large number of people took out a torchlight protest in Joshimath yesterday as several houses developed deep cracks, leaving them in a panicked state. pic.twitter.com/AKlMkIEAli
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 5, 2023
Uttarakhand | People block Badrinath highway in Joshimath as several houses developed deep cracks, leaving them in a panicked state. pic.twitter.com/8buevtOUfg
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 5, 2023
लोगों की मांग:बड़ी परियोजनाओं पर लगे रोक
ज्योतिर्मठ के मीडिया प्रभारी डा. बृजेश सती ने बताया कि ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भू-धंसाव पर चिंता जताई है। शंकराचार्य ने कहा कि सरकार को इस विषय पर गंभीरता से काम करना चाहिए। उन्होंने सरकार से नगर के आसपास जितनी भी जल विद्युत परियोजनाएं और बड़े प्रोजेक्ट बन रहे हैं,उन पर जनहित को देखते हुए रोक लगाने की मांग की है।
सीएम धामी जल्द करेंगे जोशीमठ का दौरा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्थिति का जायजा लेने के लिए जल्द ही क्षेत्र का दौरा करेंगे। उन्होंने बताया कि इसकी जांच करने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम आज जोशीमठ गई है। धामी ने लोगों के राहत और बचाव के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
विशेषज्ञों की टीम कर चुकी हैं दरारों की जांच
भूवैज्ञानिक, इंजीनियर और अफसरों की 5 सदस्यीय टीम ने पहले दरारों की जांच कर चुकी है। सूत्रों की मानें तो इस पैनल ने पाया कि जोशीमठ के कई हिस्से मानव निर्मित और प्राकृतिक कारणों से डूब रहे हैं।
Uttarakhand | According to the district administration, 561 houses have developed cracks in Joshimath town of Chamoli district. Two hotels have been closed as a precautionary measure. (04.01) pic.twitter.com/H1be4RIHSr
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 5, 2023
पीएमओ भी बनाए हुए है मामले पर नजर
जोशीमठ भू-धंसाव मामले की निगरानी पीएमओ से भी की जा रही है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दीपक सैनी ने बताया कि पीएमओ की ओर से लगातार मामले में अपडेट लिया जा रहा है। इसके पहले भूवैज्ञानिक, इंजीनियर और अफसरों की 5 सदस्यीय टीम ने पहले दरारों की जांच कर चुकी है।