Homeदेशममता बनर्जी और अखिलेश यादव कांग्रेस पर आक्रामक,कांग्रेस मौन रहकर देगी जबाव

ममता बनर्जी और अखिलेश यादव कांग्रेस पर आक्रामक,कांग्रेस मौन रहकर देगी जबाव

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विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव यानी इंडिया को मूर्त रूप देने वाले नीतीश कुमार के इस गठबंधन को छोड़कर एनडीए खेमे में चले जाने के बाद विपक्षी गठबंधन इंडिया के कुनबे को संभालने की सारी जिम्मेवारी कांग्रेस के कंधों पर आ गई है।कांग्रेस इसे लेकर इस समय काफी मुश्किल में फंसी हुई नजर आ रही है।राहुल गांधी के नेतृत्व वाली भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान तृणमूल कांग्रेस ने इसे तगड़ा झटका दिया।मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कांग्रेस पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है तो दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में सीटों के बंटवारे को लेकर समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव के तेवर भी कांग्रेस को लेकर काफी तल्ख है।हालांकि कांग्रेस के राहुल गांधी और मलिकार्जुन खड़गे जैसे बड़े नेता इसपर जबावी हमला करने की जगह फिलहाल मौन रहकर इंतजार करो और देखो की नीति अपना रही है।

चुप रहने को फिलहाल कांग्रेस ने बनाया है अपनी रणनीति का हिस्सा

भले ही विपक्षी गठबंधन इंडिया के घटक दल के ममता बनर्जी और अखिलेश यादव जैसे बड़े नेता कांग्रेस को लेकर सख्त बयान दे रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के बड़े नेताओं ने इस पर मौन रखने को अपने रणनीति का एक हिस्सा बना लिया है।कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस तरह के बयान देकर हमें उकसाने की कोशिश कर रही है ताकि हम कोई प्रतिक्रिया दें और तृणमूल कांग्रेस को विपक्षी गठबंधन इंडिया से अलग होने का मौका मिल जाए, लेकिन हम ऐसी गलती नहीं करेंगे।

जल्दीबाजी में प्रतिक्रिया नहीं देगी कांग्रेस

कांग्रेस पार्टी के नेताओं का मानना है कि तृणमूल कांग्रेस पर इस तरह के बयान देने के लिए जांच एजेंसियों की तरफ से भी दबाव हो सकता है। ऐसे में कांग्रेस के लिए जल्दीबाजी में कोई प्रतिक्रिया देना गलत होगा। कांग्रेस के प्रमुख नेताओं का इस बार कहना है कि जब तक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद इंडिया गठबंधन से अलग होने की घोषणा नहीं करती हैं,तब तक हम उन्हें इंडिया गठबंधन का हिस्सा मानते हैं। इसलिए पार्टी तृणमूल कांग्रेस के आक्रामक रुख अपनाए जाने के बावजूद नरम रूप अपनाए हुए है।

उम्मीद अभी भी कायम

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के द्वारा कांग्रेस पर ताबड़तोड़ हमला तो उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी द्वारा सीटों के बंटवारे को लेकर दबाव बनाने के प्रयास में कांग्रेस को डेमोरलाइज करने का प्रयास जारी है।विपक्षी गठबंधन इंडिया के सभी घटक दलों की चाहत है कि सीट शेयरिंग के दौरान गठबंधन में उसे ज्यादा से ज्यादा सीट मिले। इसके लिए वे कांग्रेस को काफी कम सीट देना चाहते हैं। इनके द्वारा ऐसी स्थितियां बनाई जा रही है मानो अब अब विपक्षी गठबंधन इंडिया बिल्कुल टूट की कगार पर पहुंच गया है, लेकिन कांग्रेस पार्टी को अभी भी यह उम्मीद है कि विपक्षी गठबंधन इंडिया के सभी घटक दल वस्तुस्थिति को समझेंगे और इंडिया गठबंधन आगामी लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को तीसरी बार केंद्र की सत्ता में आने से रोकने में सफल होगा।

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