उत्तर प्रदेश के अयोध्या के राम मंदिर में श्री रामलला की मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को पूरा हो चुका है। इस अवसर पर सिर्फ अयोध्या और भारत ही नहीं दुनिया के ज्यादातर देशों में इसे लेकर उमंग और उत्साह का वातावरण देखा गया।तुलसीदास की एक चौपाई है। जंह तंह गुण बरनै सब लोगू ,अवश्य देखिए देखन योगू ।लोग मानो इस चौपाई का अनुसरण करते हुए अयोध्या के राम मंदिर से हो रहे रामलला की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लाइव प्रसारण को देखकर गदगद हो रहे थे।लेकिन एक पाकिस्तान था ,जो इससे खुश नजर नहीं आ रहा था।पाकिस्तान ने भारत में बढ़ती हिंदुत्ववादी विचारधारा को शांति के लिए खतरा करार दिया है।साथ ही उसने भारत में इस्लामी विरासत स्थलों को बचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से भी दखल देने की अपील की है।
पाकिस्तान की नफरतवादी टिप्पणी
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय कि यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सोमवार को एक समारोह के दौरान अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला के नवीन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा किए जाने के बाद आई। प्रेम और शांति का संदेश देनेवाले भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा के इस अवसर पर भी उसने अपनी नफरतवादी सोच के तहत मंदिर निर्माण और वहां हुए रामलला की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की निंदा की है। उनका कहना है कि आने वाले समय में यह भारत में लोकतंत्र के चेहरे पर एक धब्बे की तरह बना रहेगा।
भारत में बढ़ते हिंदुत्ववाद की बात कहते इसे क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा बताया
पाकिस्तान के विदेश विभाग के कार्यालय ने कहा कि पिछले 31 वर्षों के दौरान की घटनाक्रम के बाद ,अयोध्या के राम मंदिर में हुआ प्राण प्रतिष्ठा समारोह भारत में बढ़ते बहुसंख्यकवाद का संकेत है। यह भारतीय मुसलमान को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से हासिए पर धकेलने के लिए किये जा रहे प्रयास के तहत उठाया गया एक बड़ा कदम है। पाकिस्तान के अनुसार भारत में हिंदुत्व की बढ़ती विचारधारा धार्मिक सद्भाव के साथ-साथ क्षेत्रीय शांति के लिए भी एक गंभीर खतरा है।
पीओके पर कब्जा करने की सोच के तहत उठाया गया कदम
पाकिस्तान के विदेश विभाग कार्यालय की तरफ से बिना पीओके का नाम लिए हुए कहा गया कि भारत के दो बड़े राज्यों उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बाबरी विध्वंस या राम मंदिर के उद्घाटन का हवाला देते हुए कहा है कि यह पाकिस्तान के कुछ हिस्सों को भारत द्वारा दोबारा हासिल करने के लिए उठाया जा रहा पहला कदम है।
पाकिस्तान का अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील
पाकिस्तान के विदेश विभाग के कार्यालय की तरफ से कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत में बढ़ते इस्लामोफोबिया,और नफरत भरी भाषणों पर संज्ञान लेना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र और संबंधित अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को भारत में चरमपंथी समूहों से इस्लामिक विरासतों को बचाने और अल्पसंख्यकों के धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों को बचाने में अपना कर्तव्य निभाना चाहिए ।
पाकिस्तान ने भारत सरकार से मुसलमान सहित धार्मिक आधार पर अल्पसंख्यक समुदायों और उनके धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है।