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इंडियन ओवरसीज कांग्रेस अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने उठाए ईवीएम पर सवाल ,जल्द करेंगे ईवीएम पर खुलासा 

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न्यूज़ डेस्क
 कभी राजीव गाँधी के ख़ास और अभी राहुल गाँधी के करीबी इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने हालिया तीन राज्यों में कांग्रेस की हार के बाद ईवीएम पर सवाल  उठाया है और विपक्षी दलों को कहा है कि वे बहुत जल्द ही इस ईवीएम के खेल को सबके सामने रखेंगे ,सैम ने विपक्षी दलों को भी कहा है कि वे ईवीएम के खिलाफ प्रदर्शन करें और ईवीएम से मतदान बहिष्कार पर विचार करें। बता दें कि सैम एक टेक्नोक्रैट हैं और ईवीएम के मसलों पर जल्द खुलास करने वाले हैं। 

 पित्रोदा ने कहा कि वर्तमान में भारत में इस्तेमाल की जा रही ईवीएम मशीन कोई “स्टैंड अलोन मशीन” नहीं है।आईओसी चेयरमैन ने कहा कि समस्या तब शुरू हुई, जब वीवीपैट मशीन को ईवीएम से जोड़ा गया।उन्होंने कहा, ”वीवीपीएटी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर से मिलकर बना एक अलग उपकरण है।” उन्होंने कहा कि वीवीपैट को ईवीएम से जोड़ने के लिए एक विशेष कनेक्टर का उपयोग किया जाता है, जिसे एसएलयू कहा जाता है। 

 पित्रोदा ने कहा, “यह एसएलयू कई सवाल खड़े करता है। एसएलयू कनेक्टर ही वीवीपैट में दिखाता है कि किस बटन से वोट किस पार्टी को जाएगा। इसे मतदान से पहले प्रोग्राम किया जाता है।” कांग्रेस नेता ने कहा कि एसएलयू जोड़ने के बाद ईवीएम अब अकेली मशीन नहीं रह गई है। इसमें वो सभी तरह के काम किए जा सकते हैं, जिनकी बात की जा रही है। इसलिए हम चाहते हैं कि वीवीपैट से निकलने वाली पर्ची वर्तमान में थर्मल प्रिंटर के माध्यम से जारी की जाती है और इसे केवल कुछ हफ्तों तक ही सुरक्षित रखा जा सकता है, इसके बजाय एक प्रिंटर का उपयोग किया जाना चाहिए, जो अगले पांच वर्षों तक पर्ची को सुरक्षित रखेगा।”

उन्होंने कहा कि दूसरी बात यह है कि यह पर्ची केवल कुछ समय के लिए मतदाता को नहीं दिखाई जानी चाहिए, बल्कि इसे एक कागज पर मुद्रित करके उसे दे दिया जाना चाहिए, जिसे वह अलग से रखे गए बक्से में वोट के रूप में डाल सके और यह बॉक्स को किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से कनेक्ट नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ”इसके बाद बॉक्स में डाली गई वोट पर्चियों की गिनती की जानी चाहिए.” उन्होंने कहा कि भारत और दुनिया के अन्य हिस्सों के प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ कह रहे हैं कि ईवीएम में कुछ समस्या जरूर है, लेकिन भारत के चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

 पित्रोदा ने कहा कि एक पेशेवर होने के नाते वह कह रहे हैं कि यह जरूरी नहीं है कि धांधली हुई हो, लेकिन उन्हें ‘पूरा संदेह है कि ईवीएम में धांधली हो सकती है।’उन्होंने कहा, “मैं यह स्वीकार नहीं कर सकता कि ईवीएम के साथ सब कुछ ठीक है। ईवीएम को लेकर विश्वास का संकट पैदा हो गया है।”

उन्होंने यह भी कहा कि राजनीतिक दलों को ईवीएम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू करना चाहिए।पित्रोदा ने कहा, “हस्ताक्षर अभियान चलाया जाना चाहिए। जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए। यदि आवश्यक हो, तो युवाओं को सड़कों पर उतरना चाहिए और इसके (ईवीएम) के खिलाफ विरोध करना चाहिए। राजनीतिक दलों को ईवीएम का उपयोग करके चुनावों का बहिष्कार करने के विकल्प पर भी विचार करना चाहिए।”

उन्होंने कहा,”मैंने उनसे इस पर चर्चा की है। यह स्वीकार करना संभव नहीं है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में ईवीएम से छेड़छाड़ के बिना राहुल गांधी अमेठी से लोकसभा चुनाव हार गए। मैं तकनीकी विशेषज्ञों के साथ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के समक्ष ईवीएम पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की योजना बना रहा हूं।”

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