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भगवान् बुद्ध की पावन धरती बिहार के बोध गया में आज बौद्ध भिक्षुओं का जमघट हुआ। विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर परिसर में स्थित पवित्र बोधि वृक्ष के नीचे आज विश्व शांति के लिए दुनिया के कोने-कोने से जुटे बौद्ध भिक्षुओं ने विशेष प्रार्थना की।
कार्यक्रम का शुभारंभ बौद्ध परंपरा के अनुसार धार्मिक मंत्रोच्चारण के साथ शुरू किया गया। परम पावन दलाई लामा के नेतृत्व में भारत, तिब्बत, श्रीलंका, जापान, म्यांमार, ताइवान, लाओस, कंबोडिया, बांग्लादेश, नेपाल, थाईलैंड, भूटान सहित कई देशों से यहां पहुंचे बौद्ध धर्म गुरुओं एवं भिक्षुओं ने प्रार्थना की। इस मौके पर दलाईलामा ने थेरावादी बौद्ध भिक्षु और उनके उपासक-उपासिकाओं से कहा कि हम सभी लोग बुद्ध के शिष्य हैं। हम सभी का उद्देश्य एक है और वह है बुद्धत्व की प्राप्ति करना। हम जो कहते हैं, उसको पहले परखें, यदि उसमें अच्छाई नजर आती है तब ही आत्मसात करें। परम पावन ने बुद्धिज्म के प्रैक्टिस पर जोर दिया।
गौरतलब है कि बोधि वृक्ष के नीचे हजारों साल पहले भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। इसके बाद उन्होंने पूरी दुनिया को सत्य, अहिंसा, प्रेम, करुणा, मैत्री एवं भाईचारे का संदेश दिया था। तब से बोधगया की इस भूमि को भगवान बुद्ध की पावन ज्ञान भूमि कहा जाता है। बोधगया में 20 दिसंबर से इंटरनेशनल संघा फोरम के द्वारा बुद्धिमान को लेकर एक सेमिनार चल रहा था, जिसमें विभिन्न देशों के हजारों बौद्ध भिक्षु और श्रद्धालु भाग ले रहे थे।
आज महाबोधि मंदिर परिसर में विशेष प्रार्थना के साथ उक्त सेमिनार का समापन किया गया, जिसके तहत बोधि वृक्ष के नीचे परम पावन दलाई लामा के नेतृत्व में बौद्ध भिक्षुओं ने विश्व शांति के लिए विशेष प्रार्थना की।इस कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे।