मॉन्ट्रियल: कनाडा में आयोजित कॉप-15 जैव विविधता सम्मेलन के दौरान इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) ने 29 प्रजातियों की एक रेड लिस्ट जारी की है। जिसमें कर्नाटक के पश्चिमी घाट में पाए जाने वाला सफेद डांसिंग फ्रॉग, अंडमान की स्मूथहाउंड शार्क और हिमालयी क्षेत्रों की पीली फ्रिटिलरी वनस्पति भी शामिल है, जिनके अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। लिस्ट में चेतावनी दी गई है कि अवैध रूप से मछली पकड़ने, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और बीमारियों से समुद्री प्रजातियों को खतरा पैदा हो गया है।
I’m heading to Montreal this week for the COP15 biodiversity summit. I’ve got big plans – including to push for a global effort of zero new extinctions by 2030, and speak with our Pacific neighbours about tackling plastics in our oceans.
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— Tanya Plibersek (@tanya_plibersek) December 10, 2022
भारत की इन प्रजातियों पर खतरा
आईयूसीएन की रेड लिस्ट दुनिभार में जैव विविधता की स्थिति पर एक खतरनाक संकेत है। यह वैश्विक विलुप्ति के कगार पर खड़ी प्रजातियों की स्थिति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है। दुनियाभर के करीब 15,000 से अधिक वैज्ञानिक आईयूसीएन कमीशन के लिए काम करते हैं। भारत की जमीन, मीठे पानी और समुद्रों में पाए जाने वाले पौधों व जीवों की 9,472 प्रजातियों में से 1355 को संस्था की रेड लिस्ट में शामिल किया गया है।
196 देशों के प्रतिनिधि ले रहे भाग
कनाडा के मॉन्ट्रियल में 19 दिसंबर तक आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में भारत समेत 196 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इसका उद्देश्य 2020 के बाद की वैश्विक जैव विविधता की रूपरेखा को आकार देना और प्रकृति को हुए नुकसान की 2030 तक भरपाई के लिए एक समझौते पर पहुंचना है।