विकास कुमार
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार और उनके भतीजे उपमुख्यमंत्री अजित पवार में जुबानी जंग जारी है। शरद पवार ने कहा कि बीजेपी के साथ हाथ नहीं मिलाने का उनकी पार्टी का रुख हमेशा स्पष्ट था और यदि इसके उलट कोई सुझाव आता भी था तो उस विचार को स्वीकार नहीं करते। शरद पवार का ये बयान ऐसे समय में आया है जब अजित पवार ने दावा किया था कि चाचा बीजेपी से गठबंधन करने के पक्ष में थे।
वहीं इससे पहले अजित पवार ने दावा किया था कि शरद पवार का एनसीपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना महज एक नौटंकी थी। लोगों को बुलाकर इस्तीफा वापस लेने के लिए समर्थकों को बुलाना भी सहमति का एक हिस्सा था।
वहीं शरद पवार ने कहा कि यदि सुबह-सुबह पद की शपथ लेने वाला कोई व्यक्ति यह दावा कर रहा है कि यह पार्टी की नीति है तो उस व्यक्ति को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए दरअसल साल 2019 में अजित पवार ने सुबह-सुबह बीजेपी से गठबंधन कर उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। हालांकि, बहुमत नहीं होने के चलते ये सरकार चार दिनों के भीतर ही गिर गई। अजित पवार ने घोषणा की है कि उनका गुट बारामती लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेगा। इसको लेकर भी शरद वार ने जवाब दिया और कहा कि लोकतंत्र में कोई भी व्यक्ति कहीं से भी चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र है। गौरतलब है कि बारामती सीट से शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले सांसद हैं। साफ है कि अभी एनसीपी के दोनों गुटों में विवाद अभी शांत नहीं हुआ है।