बीरेंद्र कुमार झा
भारत और कनाडा के बीच खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर राजनयिक विवाद पैदा हुआ था। यह विवाद अभी तक सुलझा नहीं है।इस बीच कनाडा में मौजूद भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा ने कहा है कि सिख अलगाववादी निज्जर की हत्या की कनाडा पुलिस की जांच को एक हाई लेवल कनाडाई अधिकारी के सार्वजनिक बयानों से नुकसान हुआ है।निज्जर की जून में ब्रिटिश कोलंबिया में हत्या कर दी गई थी।
खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर कनाडा की नागरिकता ले चुका था। वह सर्रे में रहकर भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था।जून में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर निज्जर की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद कनाडा ने सितंबर में निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का आरोप लगाया था।भारत ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया।ये आरोप कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के जरिए संसद में खड़े होकर लगाए गए थे।उनके इस बयान से ही राजनयिक गतिरोध की शुरूआत हुईं थी
‘हाई लेवल से आया भारत पर आरोप मंढने का निर्देश’
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय उच्चायुक्त ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा था कि मैं एक कदम आगे बढ़कर कहना चाहूंगा कि अब जांच पहले ही दागदार हो चुकी है।ऐसा लगता है कि हाई लेवल से किसी से यह कहने का निर्देश आया कि इसके पीछे (निज्जर की हत्या) भारत या भारतीय एजेंट हैं।हालांकि, उन्होंने सीधे तौर पर हाई लेवल अधिकारी का नाम नहीं लिया। ऐसे में अभी ये साफ नहीं हो पाया है कि ये हाई लेवल अधिकारी कौन था.
कनाडा ने अब तक पेश नहीं किए सबूत
भारतीय राजनयिक संजय कुमार वर्मा ने कहा कि कनाडा या कनाडा के सहयोगियों के जरिए अभी तक भारत को निज्जर की हत्या में कोई ठोस सबूत नहीं दिखाया गया है, जिनके आधार पर ये कहा जा सके कि खालिस्तानी आतंकी की हत्या में भारतीय एजेंट शामिल थे। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बावजूद, भारत कनाडा संग व्यापारिक संबंधों को बढ़ाने और व्यापार समझौते पर बातचीत करने के लिए मेज पर लौटना चाहेगा।
जस्टिन ट्रूडो ने क्या आरोप लगाए थे?
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने 18 सितंबर को कहा, ‘कनाडाई सुरक्षा एजेंसियां भारत सरकार के एजेंटों और निज्जर की मौत के बीच संबंध को लेकर जांच कर रहे हैं।’ उन्होंने पहले तो यहां तक कह दिया कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट का हाथ था।उनके इस बयान के बाद भारत-कनाडा के बीच राजनयिक गतिरोध शुरू हो गया।भारत के निर्देश के बाद कनाडा ने नई दिल्ली से 41 कनाडाई राजनयिकों को अपने देश भी बुला लिया।