नई दिल्ली: अमेरिका ने पाकिस्तान, चीन औरा म्यांमा समेत 12 देशों को वहां की धार्मिक स्वतंत्रता की मौजूदा स्थिति को लेकर विशेष चिंता वाले देश घोषित किया है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शुक्रवार को इस बाबत घोषणा करते हुए कहा कि दुनिया भर में सरकारें तथा सरकार से इतर तत्व लोगों का उनकी आस्थाओं के आधार पर उत्पीड़न करते हैं,उन्हें धमकाते हैं,जेल में डाल देते हैं और यहां तक कि लोगों की हत्या कर दी जाती है। उन्होंने कहा कि कुछ उदाहरणों में वे राजनीतिक लाभ के अवसरों का फायदा उठाने के लिए लोगों की धम्र या आस्था की स्वतंत्रता का गला घोंटते हैं।
अमेरिका ने 11 देशों को किया विशेष चिंता वाले देशों में शामिल
ब्लिंगन ने कहा कि ये कार्रवाइयां विभाजन पैदा करती हैं, आर्थिक सुरक्षा को कमजोर करती हैं और राजनीतिक स्थिरता एवं शांति को खतरा पैदा करती हैं तथा अमेरिका इन दुर्व्यवहारों का समर्थन नहीं करेगा। ब्लिंकन ने कहा कि आज मैं म्यांमा ,चीन, एरिट्रिया, ईरान, निकारागुआ, उत्तर कोरिया, पाकिस्तान, रूस, सउदी अरब,ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान को धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघन में शामिल होने के लिए अंतराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता कानून 1998 के तहत विशेष चिंता वाले देश घोषित कर रहा हूं।
अल्जीरिया, वियतनाम विशेष निगरानी सूची में
ब्लिंकन ने अल्जीरिया, मध्य अफ्रीकी गणराज्य,कोमोरोसा ओर वियतनाम को भी धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघन में शामिल रहने या उसे बर्दाश्त करने के लिए विशेष निगरानी वाली सूची में रखने की जानकारी दी।
इन कट्टर संगठनों पर भी रखी जाएगी कड़ी नजर
अमेरिका ने अल-शबाब,बोको हराम, हयात तहरीर अल-शाम हूथीस, आईएसआईएस-ग्रेटर सहारा, आईएसआईएस-वेस्ट अफ्रीका, जमात नुसरत अल-इस्लाम वल-मुस्लिमिन, तालिबान और वैगनर समूह को भी मध्य अफ्रीकी गणराज्य में उनकी कार्रवाइयों के आधार पर विशेष चिंता वाले संगठन के रूप में चिन्हित किया है। ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका दुनिया के हर देश में धार्मिक स्वतंत्रता या आस्था की स्थिति पर सावधानीपूर्वक नजर रखेगा।