विकास कुमार
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण के मुद्दे ने जोर पकड़ ली है। मराठा नेता मनोज जारांगे पाटिल की अगुवाई में मराठा आंदोलन ने गति पकड़ ली है। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जारांगे पाटिल आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। उन्होंने कहा कि अभी आमरण अनशन का दूसरा चरण चल रहा है। उनके अनुसार इसका तीसरा चरण 31 अक्टूबर से फिर से शुरू होगा। इस दौरान उन्होंने मराठा समुदाय के लोगों से अपील की है वह शांति से आंदोलन का हिस्सा बने और आत्महत्या जैसे कदम नहीं उठाएं।
मनोज जरांगे पाटील का कहना है कि राज्य सरकार को उन्होंने 40 दिन का समय दिया था। इसके बाद भी मराठा समाज को आरक्षण नहीं दिया गया और ना ही इस पर विचार किया गया। पाटिल ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर मराठा समाज के खिलाफ साजिश करने का आरोप लगाया है। वहीं मनोज जारांगे पाटिल का कहना है कि अब राज्य के हर गांव में मराठा समाज भूख हड़ताल पर बैठेगा। भूख हड़ताल के दौरान अगर किसी की जिंदगी को कुछ भी होता है तो इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। मनोज जारांगे पाटिल के अनुसार यह देश और प्रदेश का पहला सामूहिक आमरण अनशन है।
मराठा आरक्षण शिंदे सरकार के गले की फांस बन गई है। अगर इस समस्या का समाधान नहीं तलाशा गया तो बीजेपी को भारी चुनावी नुकसान उठाना पड़ेगा।