नवरात्रि के सातवें दिन देवी दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। माता के इस स्वरूप की पूजा करने से सभी तरह के पापो से मुक्ति मिलने के साथ व्यक्ति के शत्रुओं का नाश भी हो जाता है। नवरात्रि के सातवें दिन मां का स्मरण करने मात्र से ही नकारात्मक शक्तियों का नाश हो जाता है। माता के इस स्वरूप में घने अंधकार के समान काला रंग होने के कारण इन्हें कालरात्रि कहा गया। मां कालरात्रि काल और दुखों का अंत करने वाली हैं। मां कालरात्रि के तीन नेत्र है और तीनों ही गोल है। इनका रूप अत्यंत भयानक है एवं बाल बिखरे हुए हैं। देवी कालरात्रि का पूजन रात्रि के समय बहुत शुभ माना जाता है. शुंभ, निशुंभ के साथ रक्तबीज का विनाश करने के लिए देवी ने कालरात्रि का रूप धारण किया था।
नवरात्र के सातवें दिन साधक का मन ‘ सहस्त्रार’ चक्र में स्थित होता है। इस दिन से ब्रह्माण्ड की समस्त शक्तियों सिद्धियों का द्वार खुला होता है। जो साधक विधिपूर्वक माता की उपासना करता है उसे यह सिद्धियां प्राप्त होती है।
नवरात्रि में मेहंदी लगाने का भी चलन सदियों से रहा है,इस दौरान महिलाएं माता के नाम की मेहंदी अपने हाथों पर रचाती हैं और माता के प्रति अपनी आस्था प्रकट करती हैं। अगर आप ने अभी तक नवरात्रि के अवसर पर मेहंदी नही लगायी या डिजाइन को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं तो यहां हम आपके लिए कुछ चुनिंदा मेहंदी डिजाइन लेकर आये हैं,यकीनन आपको ये जरूर पसंद आएंगे।