न्यूज़ डेस्क
इसमें कोई शक नहीं है कि भारत और चीन के बीच सब कुछ ठीक नहीं है। दो साल के बाद दक्षिण अप्रीका की राजधानी जोहान्सबर्ग में जिनपिंग और मोदी की मुलाकात भले ही हो गई लेकिन खुशनुमा माहौल में बात नहीं हुई। कोई बड़ा मैसेज नहीं निकला। दोनों देशों की सीमाएं आज भी सेना के पहरे में हैं। चीन जहाँ तक खड़ा है उसे पीछे जाने की मांग भारत कर रहा है लेकिन चीन सुनता कहाँ ! भारत भी चीन के साथ अभी वही व्यवहार कर रहा है जो व्यवहार चीन कर रहा है। सारे नाते तो पहले ही बंद है और अब व्यापार और कारोबार भी बंद हो गए हैं। परेशानी दोनों तरफ है लेकिन तकरार भी है।
जानकारी के मुताबिक जोहान्सबर्ग में पीएम मोदी जिनपिंग के बीच अनौपचारिक बातचीत हुई है। दोनों नेताओं ने सीमा पर अनसुलझे मुद्दों पर चिंता जरूर जताई है और बातचीत के जरिये मुद्दा को सुलझाने पर सहमति भी जताई है लेकिन यह सब कूटनीतिक कहानी भर है। दरअसल कुछ बड़ा बदलाव होना होता तो दोनों नेता के बीच यह सहमति जरूर बनती कि जब जी 20 की बैठक में सब मिलेंगे तो इस पर बात होगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब तो यह भी माना जा रहा है कि जिनपिंग भारत आएंगे या नहीं ?जी 20 की बैठक में वे शिरकत करेंगे या नहीं ?कई और भी सवाल हैं ?
आपको बता दें कि इससे पहले नवंबर 2022 में दोनों नेताओं ने इंडोनेशिया में हुई जी 20 शिखर सम्मेलन में सीमा विवाद पर बात की थी। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग से साफ शब्दों में कहा कि चीन को एलएसी का सम्मान करना होगा।
पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच यह बातचीत ऐसे वक्त पर हुई है जब अगले महीने नई दिल्ली में जी-20 देशों का शिखर सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है। जी-20 शिखर सम्मेलन के प्रोटोकॉल के मुताबिक जी-20 के शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के सभी राष्ट्राध्यक्ष शामिल होते हैं, भारत और चीन के बीच लद्दाख में एलएसी जारी तनाव के कारण इस सम्मेलन में राष्ट्रपति जिनपिंग के शामिल होने पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है।
दोनों नेताओं के बीच मुलाकात और बातचीत की जानकारी के देते हुए विदेश सचिव विनय क्वॉत्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग लद्दाख में सैन्य तैनाती कम में कमी और सीमा पर तनाव कम करने पर सहमत हुए। साथ ही इस बारे में बातचीत करने वाले दोनों देशों के अधिकारियों को इसके प्रोसेस को तेज करने का निर्देश भी दिया जाएगा।
वहीं चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि दोनों नेताओं ने मुलाकात के दौरान संबंधों में सुधार पर जोर दिया जिससे दोनों देश और लोगों के हितों में काम किया जा सके। वांग वेनबिन ने आगे कहा कि दोनों नेताओं ने जोर दिया की दोनों देशों के संबंध वैश्विक और क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और विकास के लिए जरूरी है।