रांची (बीरेंद्र कुमार): राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा झारखंड में नगर निकाय चुनाव दिसंबर महीने में कराने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। इस बार नगर निकाय का चुनाव पिछली बार की तरह दलीय आधार पर नहीं होगा। ऐसे में कोई भी उम्मीदवार किसी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव नहीं लड़ेगा। भले ही नगर निकाय के चुनाव में राजनीतिक दल का चुनाव चिन्ह नहीं रहेगा, लेकिन हर राजनीतिक दल किसी न किसी प्रत्याशी को जिताने के लिए अंदर ही अंदर प्रयत्नशील रहेगा।
हर वार्ड से झारखंड मुक्ति मोर्चा का एक उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी
झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य का कहना है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा हर समय हर चुनाव के लिए तैयार रहती है। नगर निकाय चुनाव दलीय आधार पर नहीं हो रहा है,ऐसे में जेएमएम प्रत्यक्ष तौर से तो नहीं, लेकिन परोक्ष रूप से पार्टी समर्थित कार्यकर्ताओं को मदद करेगी। जेएमएम का प्रयास होगा कि हर वार्ड से एक पार्टी संविधान समर्थित उम्मीदवार चुनाव मैदान में रहे। जेएमएम द्वारा पार्टी स्तर से उम्मीदवारों के बीच सर्वसम्मति बनाने का प्रयास किया जाएगा।
अच्छा काम करने वाले कार्यकर्ताओं को पार्टी मदद करेगी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर का कहना है की कांग्रेस पार्टी ने पहले से ही नगर निकाय के चुनाव को लेकर तैयारी कर ली है। चूंकि नगर निकाय चुनाव दलीय आधार पर नहीं हो रहा है, ऐसे में पार्टी चुनाव में वैसे कार्यकर्ताओं को मदद करेगी जो पिछले 1 साल से अधिक समय से पार्टी की हर गतिविधि में शामिल हो रहे हैं। भारत जोड़ो यात्रा में अपना अहम योगदान देने वाले कार्यकर्ताओं को वरीयता देकर उम्मीदवार बनाने के लिए आम सहमति बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
हर चुनाव के लिए पार्टी तैयार, 24 नवंबर के बाद बनेगी रणनीति
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश का कहना है की पार्टी हर चुनाव के लिए तैयार रहती है। नगर निकाय चुनाव दलीय आधार पर नहीं हो रहा है, लेकिन चुनाव में पार्टी के कार्यकर्ता भी मैदान में उतरेंगे। फिलहाल पार्टी की ओर से जिलों में आक्रोश रैली और धरना-प्रदर्शन का कार्यक्रम चल रहा है। 24 नवंबर के बाद इसको लेकर पार्टी स्तर पर ठोस रणनीति बनाई जाएगी। प्रयास होगा कि सर्वसम्मति बनाकर पार्टी समर्थित उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारा जाए।
नगर निकाय चुनाव संविधान व आदिवासी हितों के खिलाफ
आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू का कहना है कि झारखंड राज्य निर्वाचन आयोग की नगर निकाय संबंधी चुनाव अधिसूचना संविधान के भाग 9 a के अनुच्छेद 243 जेईसी (नगरपालिका ) और भाग 10 के अनुच्छेद 244 (अनुसूचित क्षेत्रों और जनजाति क्षेत्रों का प्रशासन)का उल्लंघन करता है । इसलिए इसे झारखंड हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया जा सकता है। आदिवासी सेंगेल अभियान जल्द ही इस पर कार्रवाई कर संविधान और आदिवासी हितों की रक्षा की कोशिश करेगा।