न्यूज डेस्क
पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। शनिवारको पंचायत चुनावों के नामांकन के पहले दिन ही टीएमसी और कांग्रेस-सीपीआईएम के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए और दोनों के बीच जमकर मार-पीट हुई। आरोप है कि टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नामांकन करने से रोका और इसके बाद ये पूरा हंगामा हुआ। नामांकन के दौरान हिंसा के बीच मुर्शिदाबाद ज़िले के डोमकाल इलाके से पुलिस ने टीएमसी नेता बसीर को पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया है।
कांग्रेस कार्यकर्ता की नामांकन दाखिल करने के एक दिन पहले गोली मार दिए जाने को लेकर सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, मुर्शिदाबाद के खारग्राम में कांग्रेस के एक सक्रिय कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई, यह पंचायत चुनाव की वजह से हुआ है। हत्या के आरोपी को खारग्राम प्रशासन का संरक्षण मिला हुआ है और उनकी सह पर इस घटना को अंजाम दिया गया। हम इसको लेकर प्रदर्शन करेंगे। क्या टीएमसी राज्य में बुलेट निर्वाचन चाहती है या फिर बैलेट निर्वाचन चाहती है? हम उनको खून की राजनीति नहीं करने देंगे।
कांग्रेस के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल नेतृत्व ने इस घटना में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है, लेकिन जिले में तनाव बना हुआ है। राज्य निर्वाचन आयोग ने मामले में मुर्शिदाबाद जिला प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। जिला पुलिस ने आज सुबह इस जघन्य हत्याकांड के सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
गौरतलब हो कि शुक्रवार (9 जून) को इसी मुर्शीदाबाद जिले के खारग्राम में देर रात एक कांग्रेस कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद पश्चिम बंगाल के प्रभारी और लोकसभा सांसद ने राज्य के राज्यपाल को एक पत्र लिखते हुए उनसे चुनावों में केंद्रीय सुरक्षा बलों को तैनात किए जाने की गुहार लगाई।