न्यूज़ डेस्क
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी को आम भेजे हैं। अभी आम का समय है और पश्चिम बंगाल के चर्चित आम मालदा ,हिम सागर और लक्षमण भोग की प्रसिद्धि काफी ज्यादा है। ये आम स्वाद और गुण में भी अन्य आमों से अलग हैं। वैसे ममता बनर्जी इस तरह के गिफ्ट हर साल भेजती रही है। जब से वे मुख्यमंत्री बनी है बंगाल की पहचान हर मौसम के हिसाब से केंद्र सरकार को भेजती रही है। इस बार बंगाल से ये आम केवल पीएम मोदी के लिए ही नहीं आये ,राष्ट्रपति मुर्मू और सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई चंद्रचूड़ को भी आम गिफ्ट के रूप में भेजे गए हैं। लेकिन चर्चा पीएम मोदी को भेजे गए आम को लेकर चल रही है। दरअसल मोदी और ममता की सियासी तल्खियत बीते कुछ सालों में चरम पर रही है, लेकिन इसके बावजूद ममता ने सालों से चली आ रही इस रवायत को फिलहाल अब तक कायम रखा है।
ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को आम भिजवाकर 12 साल पुरानी रवायत को कायम रखा है। ममता ने यह परंपरा 12 साल पहले साल 2011 में शुरू की थी। उस वक्त ममता पहली बार बंगाल की मुख्यमंत्री बनी थीं। ममता बनर्जी राजनेताओं को बंगाल के मशहूर हिम सागर, लक्ष्मण भोग और मालदा आम भेजती हैं।
ममता की नेताओं को आम भेजने की इस रवायत को मैंगो पॉलिटिक्स कहा जाता है। दरअसल इसके पीछे की वजह सियासी रिश्तों में खट्टी-मीठी यादों को लेकर है। यानी उदाहरण के तौर पर पीएम मोदी को ही ले लीजिए, जिस तरह से मोदी और दीदी के बीच राजनीतिक प्रतिद्वदंदिता चलती है। उस लिहाज से भी ममता दीदी ने आज तक खुद से शुरू की गई इस परंपरा से नाता नहीं तोड़ा है। इसको लेकर कहा जाता है कि ममता बनर्जी राजनीतिक रिश्तों के अलावा भी अलग रिश्तों को अहमियत देने में नहीं चूकती हैं।
कहा जा रहा है कि अब जब ममता पूरी तरह से विपक्ष के साथ मिलकर बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलने को तैयार हैं ऐसे में यह आम पॉलिटिक्स कुछ खास हो गया है। वैसे हमारे देश की यह संस्कृति रही है कि हर राज्य अपने ख़ास चीजों को प्रधान मंत्री से लेकर राष्ट्रपति और सीजेआई से लेकर सांसदों और मंत्रियों तक भेजता रहा है। बिहार सरकार भी मुजफ्फरपुर की प्रसिद्ध शाही लीची को हर साल भेजती रही है। इस बार भी बिहार से यह सौगात केंद्र सरकार को मिल रही है।

