वर्ष 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को दिखेगा। यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। इस दौरान चंद्रमा पूर्ण चंद्र ग्रहण से गुजरेगा और एक चमकदार लाल रंग के गोले में बदल जाएगा। इस दुर्लभ ब्लड मून को साल का सबसे खास खगोलीय घटना माना जा रहा है। हालांकि, यह चंद्र ग्रहण केवल चुनिंदा क्षेत्रों में ही दिखाई देगा, जिसमें भारत भी शामिल है। भारतीय उपमहाद्वीप के एक बड़े हिस्से में इस चंद्र ग्रहण को देखा जा सकता है।
ब्लड मून पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान होता है, जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के ठीक बीच में आ जाती है। चंद्रमा को पूर्ण अंधकार में डुबोने के बजाय, पृथ्वी का वायुमंडल सूर्य के प्रकाश को मोड़कर बिखेर देता है। नीले और बैंगनी जैसे छोटे तरंगदैर्ध्य बिखर जाते हैं, जबकि लाल और नारंगी जैसे लंबे तरंगदैर्ध्य वायुमंडल से होकर चंद्रमा की सतह तक पहुंच जाते हैं। रेले प्रकीर्णन नामक इस प्रक्रिया के कारण ही सूर्यास्त और सूर्योदय लाल दिखाई देते हैं। ग्रहण के दौरान, इस बिखरी हुई लाल रोशनी के कारण ही चंद्रमा लाल रंग में नजर आता है।
बीबीसी नाइट स्काई मैगजीन के अनुसार, सितंबर 2025 का पूर्ण चंद्र ग्रहण कई घंटों तक दिखाई देगा, जिससे ग्रहण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को इसे देखने के लिए पर्याप्त अवसर मिलेंगे
ग्रहण की शुरुआत: रात 8:58 बजे IST (7 सितंबर 2025)
पूर्ण चरण (ब्लड मून का चरम): रात 11:00 बजे – रात 12:22 बजे IST
ग्रहण का अंत: रात 1:25 बजे IST (8 सितंबर 2025)
एक घंटे से ज्यादा समय तक चलने वाला चरम चरण तब होगा जब चंद्रमा अपने सबसे गहरे लाल रंग में दिखाई देगा। फोटोग्राफरों और स्काई वॉचर्स के लिए, इस घटना को कैद करने का यह सबसे अच्छा समय है।
सूर्य ग्रहण के विपरीत चंद्र ग्रहण को नंगी आंखों से सुरक्षित रूप से देखा जा सकता है। इससे यह सभी के लिए सुलभ हो जाता है – बच्चे, वयस्क और स्काई वॉचर्स सब इस नजारे को देख सकते हैं। हालांकि, अगर कोई इसे खास तरीके से देखना चाहता है तो उसे दूरबीन या टेलीस्कोप का उपयोग करना होगा। इससे चंद्रमा की सतह को और विस्तार से देखा जा सकता है। चंद्र ग्रहण को अच्छे से देखने के लिए शहर की रोशनी से दूर किसी खुली जगह का चुनाव करना चाहिए। साथ ही आपके क्षेत्र का मौसम भी अच्छा होना चाहिए, जिससे आसमान साफ नजर आए।
