अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत को अभी तक कई बार टैरिफ की धमकी दे चुके हैं। ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा की थी, लेकिन अब वे इससे साफ मुकर गए हैं।पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने बुधवार को कहा कि मैंने कभी भी भारत पर लगाए जाने वाले टैरिफ के प्रतिशत का खुलासा नहीं किया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कई बार यह दावा किया कि भारत टैरिफ किंग है और वह अमेरिका पर सबसे ज्यादा टैरिफ लगाता है, लेकिन ट्रंप का यह दावा खोखला है।
दरअसल ट्रंप ने भारत के प्रति रूस से तेल खरीदने को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने भारत पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी भी दी थी। ट्रंप से इस धमकी को लेकर सवाल किया गया।उन्होंने जवाब में कहा कि मैंने कभी भी प्रतिशत नहीं बताया, लेकिन हम ऐसा कुछ जरूर करने वाले हैं। देखते हैं आगे क्या होता है।ट्रंप ने यह भी कहा कि बुधवार को रूस के साथ एक बैठक होने वाली है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि यह बैठक कहां और किस विषय पर होगी। उन्होंने कहा कि हम देखेंगे क्या होता है और उसी समय निर्णय लेंगे।
भारत दूसरे देशों की तुलना में अमेरिकी निर्यात पर बहुत कम टैरिफ लगाता है। पिछले तीन दशकों में भारत के टैरिफ में काफी गिरावट आई है। यह 1990 में 56 प्रतिशत था, जो कि महज 4.6 प्रतिशत रह गया है।एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत का भारित टैरिफ (वेटेज टैरिफ) वियतनाम, यूरोपीय संघ और इंडोनेशिया के मुकाबले काफी कम है।यूरोपीय संघ का 5 प्रतिशत और वियतनाम का 5.1 प्रतिशत टैरिफ है। वहीं इंडोनेशिया का 5.7 प्रतिशत है।
क्या होता है भारित टैरिफ
भारित टैरिफ या वेटेज टैरिफ, साधारण टैरिफ के मुकाबले अलग होता है. भारत का साधारण टैरिफ 15.98 प्रतिशत है, जो कि सभी प्रोडक्ट्स पर सामान रूप से लगता है, लेकिन भारित टैरिफ आयात की मात्रा पर निर्भर करता है। इस पर एक्चुअल ड्यूटी लागू की जाती है।
ट्रंप ने भारत पर यह आरोप भी लगाया कि वह बड़ी मात्रा में रूसी तेल खरीद रहा है और उसे मुनाफे में बेच रहा है।उन्होंने धमकी दी कि अमेरिका, भारत पर और ज्यादा टैरिफ लगाएगा।भारत ने रूस से कच्चे तेल की खरीद के लिए गलत तरीके से निशाना बनाने को लेकर अमेरिका और यूरोपीय संघ पर जोरदार पलटवार भी किया था।