नई दिल्ली: यूक्रेन के जोपीरीजिया परमाणु संयंत्र परिसर में शनिवार रात और रविवार सुबह हुई गोलीबारी में बड़ा परमाणु हासदा होने से बच गया। परिसर में गिरे 12 गोलों से कई रिएक्टर भवन के बिल्कुल नजदीक गिरे। एक गोला रेडियोएक्टिक कचरे के भंडार गृह पर जा गिरा, उससे भवन क्षतिग्रस्त हो गया लेकिन हादसा बच गया।
संयंत्र के आसपास छिड़ा युद्ध भीषण परमाणु दुर्घटना करा सकती है
यह जानकारी परमाणु ऊर्जा एजेंसी के विशेषज्ञ दल ने दी है। मामले में एजेंसी के प्रमुख राफेल ग्रोसी रूस और यूक्रेन को चेता चुके हैं कि संयंत्र के आसपास छिड़ा युद्ध और गोलाबारी किसी भी समय भीषण परमाणु दुर्घटना करा सकती है। उस स्थिति में आसपास कोई बचेगा नहीं। यह आग से खलने जैस कृत्य है। यह बात मस्तिष्कि में रखनी चाहिए कि भाग्य हमेशा साथ नहीं देता है।
रूस ने कहा विश्व समुदाय ले संज्ञान
इस बीच रूस ने कहा है कि जपोरीजिया परमाणु संयंत्र पर हो रहे लगातार हमलों पर अंतराष्ट्रीय समुदाय संज्ञान ले। यूक्रेन की सेना खतरे की परवाह किए बगैर संयंत्र पर लगातार गोलाबारी कर रही है। इससे कभी भी भीषण दुर्घटना हो सकती है,और यूक्रेन समेत यूरोप का बड़ा हिस्सा चपेट में आ सकता है। लेकिन यूक्रेन ने हमले कि लिए रूसी सेना को जिम्मेदार ठहराया है उसने कहा कि यूक्रेन को बदनाम कने के लिए परमाणु संयंत्र पर युद्ध शुरू होने के कुछ हफ्ते बाद से ही सी सेना का कब्जा है। युद्ध से पहले इस संयंत्र से यूक्रेन की जरूरत की 20 प्रतिशत बिजली का उत्पादन होता था। खेरसान में लड़ाई खत्म होने के बाद जपोरीजिया,डोनेस्क और लुहांस्क में एक बार फिर लड़ाई तेज हो गई है।