रूस के कामचटका में भूकंप आने के बाद सुनामी भी आ गई है।रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 8.7 मापी गई। इसकी वजह से जापान और अमेरिका में सुनामी का अलर्ट जारी किया गया है। जापान के फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट को खाली कराया गया है।2011 में 9.0 की तीव्रता का भूकंप आया था, जिसके बाद न्यूक्लियर प्लांट को नुकसान पहुंचा था। यह भूकंप बेहद कम गहराई पर आया, जिससे सतह पर ज़बरदस्त झटके महसूस किए गए और लगातार 30 से अधिक आफ्टरशॉक्स दर्ज किए गए।
भूकंप का केंद्र समुद्र के नीचे था, जिससे सुनामी की तीव्र आशंका उत्पन्न हो गई है। यह घटना पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों की तीव्र गतिविधि का संकेत देती है, विशेषकर ‘रिंग ऑफ फायर’ क्षेत्र में, जहां भूकंप और ज्वालामुखीय गतिविधियां आम हैं। रूस में भूकंप के कुछ ही मिनटों के भीतर जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने चेतावनी जारी की कि तटीय इलाकों में 1 से 3 मीटर तक की लहरें टकरा सकती हैं।यह चेतावनी आते ही जापानी सरकार ने लगभग 1.9 मिलियन (19 लाख) लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू की।
कई मध्य और दक्षिण अमेरिकी देशों ने भी सुनामी की संभावना को देखते हुए हाई अलर्ट घोषित कर दिया है।इस सूची में चिली, पेरू, इक्वाडोर, मेक्सिको और पनामा जैसे देश शामिल हैं। चिली में उत्तरी और मध्य तटीय इलाकों में लहरें टकराने की आशंका बताई जा रही है। पेरू और इक्वाडोर के बंदरगाह बंद, नौकाओं की गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। मेक्सिको और पनामा में तटीय इलाकों से लोगों को हटाया गया है। स्थानीय प्रशासनिक एजेंसियां हर देश में समुद्र स्तर की निगरानी कर रही हैं और यदि लहरें सामान्य स्तर से ऊपर जाती हैं तो तुरंत निकासी आदेश जारी किए जा रहे हैं।