नई दिल्ली: रूस की सेना ने ऐलान किया कि वह यूक्रेन के दक्षिणी शहर खेरसॉन एवं उसके आसपास के इलाकों से पीछे हट रही है। इससे पहले खेरसान प्रांत के ज्यादातर इलाके पर यूक्रेनी सेना ने कब्जा कर लिया था, लेकिन हाल के कुछ दिनों में रूसी सेना बिना लड़े ही पीछे हट रही थी। बता दें कि खेरसान क्षेत्र यूक्रेन के चार प्रांतों में से एक है जिसे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अवैध रूप से कब्जा लिया और बाद में वहां रूसी मार्शल लॉ लागू कर दिया।
सेना को पीछे हटाना रूस के लिए बड़ा झटका
खेरसॉन से अपनी सेना का हटना रूस के लिए एक बड़ा झटका है। यही एकमात्र ऐसी प्रांतीय राजधानी थी जिसपर रूसी सैन्यबलों ने आठ महीने की लड़ाई के दौरान कब्जा किया। हालांकि, यूक्रेनी सेना ने कहा है कि खेरसान शहर में रूसी सेना के कुछ सैनिक अभी मौजूद हैं, इसलिए वो वहां जाने में जल्दबाजी नहीं दिखाएगी।
रूस के रक्षामंत्री ने दिया पीछे हटने का आदेश
खेरसॉन पर कब्जा करने के आठ महीने बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का यह महत्वपूर्ण फैसला है। रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने अपने सैनिकों को खेरसॉन शहर से हटने और डिनिप्रो नदी के सामने के तट पर रक्षात्मक लाइन लेने का आदेश दिया है।अपनी टिप्पणी में जनरल सर्गेई सुरोविकिन ने कहा कि खेरसॉन शहर को संसाधनों की आपूर्ति करना अब संभव नहीं था।
शोइगु ने रूस के कमांडर सर्गेई सुरोविकिन के साथ बैठक के बाद लिया फैसला
शोइगु ने यूक्रेन में रूस के कमांडर सर्गेई सुरोविकिन के साथ एक बैठक के दौरान कहा, “सैनिकों को बाहर निकालना शुरू करें।” उन्होंने कहा कि उन्होंने खेरसॉन से सैनिकों को वापस निकालने और नीपर नदी के बाएं किनारे पर सुरक्षा व्यस्था स्थापित करने का “कठिन निर्णय” प्रस्तावित किया है।
पुतिन ने अक्टूबर में यूक्रेन के क्षेत्रों को रूस में शामिल करने की घोषण की थी
इस बीच खेरसॉन शहर के पूर्व में मुख्य मार्ग पर इनहुलेट्स नदी पर बना पुल उड़ाए जाने की खबर है। रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण खेरसॉन सहित यूक्रेन के चार क्षेत्रों को अक्टूबर में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस में शामिल करने की घोषणा की थी। रूस ने अपने क्षेत्र में शामिल क्षेत्रों पर कब्जे की कोशिश होने पर परमाणु हथियार के इस्तेमाल की भी चेतावनी दी थी। अब रूसी सेना ने खेरसॉन शहर छोड़ते हुए डेनिप्रो नदी के पश्चिमी किनारे पर सुरक्षात्मक मोर्चा बनाने की घोषणा की है।