न्यूज डेस्क
पाकिस्तान ने पहली बार रूस से कच्चा तेल मंगाया है और 45,000 मीट्रिक टन तेल कराची पोर्ट पहुंच भी चुका है। रूसी तेल के पाकिस्तान पहुंचने पर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ फूले नहीं समा रहे हैं। वहीं पीटीआई समर्थक इसे इमरान खान की उपलब्धि बता रहे हैं। इस श्रेय लेने की होड़ के बीच विशेषज्ञों का कहना है कि रूसी तेल से भारत और यूएई मालामाल हुए हैं और पाकिस्तान के हाथ केवल लॉलीपॉप लगा है। आइए जानते हैं पूरा मामला…
पाकिस्तान के चर्चित बिजनस अखबार बिजनस रेकॉर्डर के संपादक और आर्थिक मामलों के जानकार वकास कहते हैं कि पाकिस्तान के रूसी तेल खरीदने से भारत और यूएई के बिचौलिये जमकर कमाई किए हैं। उन्होंने बताया कि रूस से चला तेल पहले भारत आया। इसके बाद भारत के गुजरात राज्य से यह फिर यूएई गया। इसके बाद यह तेल यूएई से फिर पाकिस्तान गया। गुजरात के पास ही पाकिस्तान का कराची पोर्ट है जहां अभी यह तेल उतरा है। वकास ने कहा कि इस पूरे तेल के खेल से भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बिचौलियों ने जमकर पैसा बनाया है।
वकास ने कहा कि रूस ने यह तेल भारत को 52 डॉलर प्रति बैरल में बेचा और इसके बाद भारत ने इसे यूएई को बेच दिया। इसके बाद इसे यूएई से पाकिस्तान को बेच दिया गया। पाकिस्तान को यह तेल 69 डॉलर प्रति बैरल का पड़ा। उन्होंने दावा किया कि भारतीय खरीदार ने इस पाकिस्तानी तेल के सौदे में 17 डॉलर प्रति बैरल की कमाई की है। उन्होंने बताया कि रूस और पाकिस्तान के बीच यह करीब 2 लाख 50 हजार बैरल की डील है। ऐसे में पाकिस्तान के हाथ केवल लॉलीपाप लगा है।
पाकिस्तानी विशेषज्ञ ने कहा कि अब यह बेहद अहम है कि हम सरकार से इस पूरे मामले में स्पष्टीकरण मांगें। इसकी वजह यह है कि एक अन्य विशेषज्ञ कह रहे हैं कि यह तेल का शिपमेंट रूस से ईरान फिर यूएई और फिर पाकिस्तान गया। अगर इस तरह का मामला है तो यह पूरी तरह से तस्करी है। उन्होंने कहा कि हालांकि मुझे भारत जाने की आशंका ज्यादा सही लग रही है। इसकी वजह यह है कि यह तेल से लदा जहाज भारत से यूएई गया था और उसी कार्गो को उतारा और चढ़ाया था।
वकास ने कहा कि एक और चीज है। अगर हमने इस रूसी तेल को पिछले साल ठीक उसी दाम में खरीदे होते जिस दाम पर भारत ने खरीदा था तो हमें समुचित डिस्काउंट मिलता। इसे छूट को बाद में उपभोक्ताओं को दिया जा सकता था। अब रूसी तेल जिस दाम में मिला है, वह खाड़ी देशों के मुकाबले बहुत थोड़ा ही सस्ता है। इस बीच इमरान खान की पार्टी ने भी इस सौदे पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि रूस के साथ तेल डील बहुत लेट हो गई है और इससे बचत बहुत ही कम हो रही है।