न्यूज़ डेस्क
राजनीति में कुर्सी की चाहत ही इंसान को पतित बना देती है। धर्म दर्शन कहता है कि उम्र के साथ मनुष्य की माया कम होनी चाहिए लेकिन राजनीति यह शिक्षा नहीं देती। उम्र के साथ ही राजनीति की चाह बढ़ती जाती है। शरीर का अंग भले ही शिथिल हो जाए दिखाने के लिए युवा बने रहने का खेल नेता लोग करते रहते हैं। लेकिन सत्य को कौन टाल सकता है ? सत्य को छुपाया भी तो नहीं जा सकता! भारत में ही राजनीति में आये कई त्यागियों की कहानी चर्चित है। पुराने नेताओं को ही छोड़ दीजिये ,हाल के नेताओं में ही अटल बिहार बाजपेयी का उदहारण पेश है। उनकी सरकार अविश्वास का सामना कर रही थी। वे चाहते तो सरकार को बचा सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। ईमान को देखा ,संस्कार को समझा और राजनीति कलंकित होने से बचाने के लिए सरकार की आहुति दे दी। क्या अब कोई ऐसा कर सकता है ? मौजूदा भारत की राजनीति में तो हरगिज नहीं।
उधर न्यूजीलैंड की युवा प्रधानमंत्री ने एक उदहारण पेश किया है। वहाँ इसी साल चुनाव होने हैं लेकिन साल भर पहले प्रधान मंत्री जेसिंडा अर्नर्ड ने इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है। दुनिया की इस युवा प्रधानमंत्री की खूब प्रशंसा हो रही है। भारत में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी इस युवा प्रधानमंत्री की तारीफ की है और इसकी तुलना भारतीय राजनीति से की है।
जैसिंडा ने 19 जनवरी को घोषणा की है कि अगले महीने प्रधानमंत्री के तौर पर वह अपना पद छोड़ रही हैं और 7 फरवरी उनका पीएम के तौर पर आखिरी दिन होगा। इस साल अक्टूबर में वहां चुनाव होने हैं, तब तक वे एक सांसद के तौर पर काम करेंगी। उनकी इस घोषणा के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी ट्वीट किया है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने अपने ट्वीट में लिखा, “दिग्गज क्रिकेट कमेंटेटर विजय मर्चेंट ने एक बार उस समय रिटायरेंट की बात कही थी, जब उनका करियर पीक पर था, तब उन्होंने कहा था कि तब जाओ जब लोग कहें- क्यों जा रहे हो, ना कि तब जब लोग पूछें कि ये जा क्यों नहीं रहा है। उनकी इसी बात का पालन करते हुए न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने अपना पद छोड़ने का ऐलान किया है। भारतीय राजनीति में उनके जैसे लोगों की जरूरत है।”
न्यूजीलैंड के सार्वजनिक प्रसारक आरएनजेड ने ट्वीट कर बताया कि जैसिंडा अर्डर्न इस साल चुनाव नहीं लड़ेंगी और प्रधानमंत्री के रूप में उनका आखिरी दिन 7 फरवरी होगा और वहां 14 अक्टूबर को चुनाव होने हैं। मीडिया से बात करते हुए अर्डर्न ने कहा कि पीएम पद से इस्तीफा देने के पीछे कोई विशेष कारण नहीं है।
स्थानीय न्यूज साइट एनजेड हेराल्ड के मुताबिक, अर्डर्न ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘यह मेरे कार्यकाल का साढ़े पांचवां साल चल रहा है’ उन्होंने कहा, ‘मैं जा रही हूं क्योंकि इस तरह के एक विशेषाधिकार प्राप्त पद के साथ आप पर एक बड़ी जिम्मेदारी भी आती है।’ अर्डर्न की लेबर पार्टी शनिवार को कॉकस वोट के साथ उत्तराधिकारी की तलाश शुरू करेगी। 2017 में सत्ता में आने के समय केवल 37 साल की उम्र में अर्डर्न दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला राज्य नेताओं में से एक हैं।