न्यूज डेस्क
तुर्किये और सीरिया में आये विनाशकारी भूकंप के पीड़ितो को बचाने की जद्दोजहद जारी है। छह फरवरी को आये शक्तिशाली भूकंप के आठ दिन बाद भी गोलों के मलबे से जिंदा मिलने का चमत्मकार जारी है। मंगलवार को तुर्किये में एक महिला समेत नौ लोगों को मलबे से जिंदा निकाला गया। दोनों देशों में मृतकों की संख्या 41 हजार से ज्यादा पहुंच चुकी है।
तबाही के 200 एक हफ्ते बाद भी मलबे से बचे लोगों को निकालना जारी है। मीडिया रिपोर्ट में अंताक्या शहर में एक महिला को मलबे से जिंदा निकाला गया। इसी तरह कहरामनमाारस प्रांत में एक ध्वस्त इमारत के नीचे दबे दो सगे भाइयों को जिंदा बचाया गया। इनकी उम्र 17 और 21 साल है। इस बीच तुर्किये में सहायता को लेकर लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। टेंट और खुले आसमान में रहे रहे पीड़ित मदद की आस लगाये हुए हैं।
तुर्किये के 10 प्रांत भूकंप से प्रभावित हैं और करीब 135 करोड़ लोग बेघर हो गये हैं। आपदा प्रबंधन दल ने मंगलवार को बताया कि तुर्किये में मृतकों की संख्या 35418 से अधिक हो चुकी है। इस बीच केरल के मूल निवासी व यूएई में रह रहे एनआरआई शमशरी वयालिल ने 11 करोड़ रुपए की मदद दी है। वह बुर्जील होल्डिंग के संस्थापक और चैयरमैन हैं। इस बीच भारत ने भूकंप प्रभावित तुर्किये और सीरिया के लिए आपात राहत सहायता के तौर पर सात करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की जीवन रक्षक दवाएं, सुरक्षा सामग्री, गंभीर स्वास्थ्य सेवा उपकरण भेजे हैं।