Homeदुनियाताइवान को अमेरिका द्वार लगातार हथियार भेजने की नीति से ड्रैगन परेशान

ताइवान को अमेरिका द्वार लगातार हथियार भेजने की नीति से ड्रैगन परेशान

Published on

बीरेंद्र कुमार झा

ताइवान को चीन अपना एक प्रांत मानता रहा है,।उसपर किसी भी देश की दखलंदाजी को देखकर ड्रैगन बौखला जाता है।दूसरी ओर ताइवान खुद को आजाद देश मानता है, जहां उनके अपने संविधान हैं और एक तय प्रक्रिया के तहत चुने हुए नेताओं की सरकार है।

ताइवान अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए है महत्वपूर्ण

अमेरिका और पश्चिमी मुल्कों के लिए भी ताइवान बेहद महत्वपूर्ण है।इसके पीछे दो वजह है। पहली वजह है कि भौगोलिक रूप में प्रशांत महासागर के इलाके में कई द्वीपों के बीच ताइवान ‘फर्स्ट आइलैंड चेन’ कहलाता है।अगर चीन ताइवान पर कब्जा कर लेता है तो प्रशांत महासागर में उसका दबदबा कायम हो जाएगा।दूसरी वजह अर्थव्यवस्था है।

ताइवान की अर्थव्यवस्था का योगदान

ताइवान दुनिया भर को अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देता है।इस देश में बनने वाली चिप दुनिया भर की जरूरतों को पूरा करती है।ताइवान को दुनिया भर के 13 देश एक अलग देश मानते हैं और उसकी संप्रभुता का सम्मान करते हैं।

अमेरिकी सैन्य मदद पर चीन का विरोध

हाल ही में अमेरिका ने ताइवान को सैन्य हथियारों को खरीदने के लिए 8 करोड़ डॉलर की मदद दी थी। अमेरिका के इस फैसले के बाद चीन ने आपत्ति जताई है और अमेरिकी की कड़ी निंदा की है।हालांकि ताइवान को दी गई अमेरिकी मदद कोई बड़ी रकम तो नहीं लेकिन फिर भी चीन दुनिया भर का ध्यान इस मुद्दे पर खींचने की कोशिश में जुटा है।इससे पहले भी ताइवान ने अमेरिका को सैन्य हथियारों के लिए 14 अरब डॉलर का ऑर्डर दे चुका है।

बिना शर्त मदद कर रहा अमेरिका

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन अमेरिकी मदद का विरोध इसलिए कर रहा है क्योंकि अमेरिका ने ताइवान को आर्थिक मदद कर्ज के तौर पर नहीं बल्कि बिना पैसे और बिना किसी शर्त के दे रहा है।इससे भी बड़ी बात यह है कि अमेरिका ताइवान को आधिकारिक तौर पर एक आजाद मुल्क की मान्यता भी देता है।ऐसा माना जा रहा है कि अमेरिका ताइवान को सैन्य हथियारों के जरिए चीन के खिलाफ तैयार कर रहा है.

फॉरेन मिलिट्री स्कीम के तहत भेज रहा हथियार

अमेरिका ने जिस मुहिम के साथ ताइवान को मदद भेजी थी उसका नाम फॉरेन मिलिट्री फाइनेंस है।इस मुहिम के तहत ही अमेरिका ने यूक्रेन को चार अरब डॉलर की मदद दी थी।इसके अलावा अफगानिस्तान, इराक, इजरायल और मिस्र समेत कई देशों में सैन्य मदद के तौर पर अरबों डॉलर रूपये भेजे गए थे।प्राप्त जानकारी के अनुसार अमेरिका ने फॉरेन मिलिट्री फाइनेंस के तहत जिन मुल्कों को मदद भेजी थी,उन सभी को संयुक्त राष्ट्र की मान्यता हासिल है।

 

Latest articles

करम पूजा में करम डाल की पूजा और इसकी महत्ता

करम पर्व को ऊर्जा, बौद्धिकता, शांति, नकारात्मक शक्तियों को दूर कर सुख-समृद्धि लानेवाला और...

कोलकाता रेप-मर्डर केस: 5वें दिन भी डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी

न्यूज़ डेस्क कोलकाता के आरजी कर अस्पताल मामले के विरोध में साल्ट लेक में राज्य...

सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कहा कि सीबीआई को पिंजरे में बंद तोता होने की धारणा को दूर करना चाहिए

न्यूज़ डेस्क दिल्ली के सीएम अरबिंद केजरीवाल को शीर्ष अदालत ने जमानत दिया और केजरीवाल...

सोनिया गांधी ने सीपीआईएम कार्यालय पहुंचकर सीताराम येचुरी को दी अंतिम श्रद्धांजलि 

न्यूज़ डेस्क सीपीआईएम के दिग्गज नेता सीताराम येचुरी का पार्थिव शरीर दिल्ली स्थित पार्टी ऑफिस...

More like this

करम पूजा में करम डाल की पूजा और इसकी महत्ता

करम पर्व को ऊर्जा, बौद्धिकता, शांति, नकारात्मक शक्तियों को दूर कर सुख-समृद्धि लानेवाला और...

कोलकाता रेप-मर्डर केस: 5वें दिन भी डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी

न्यूज़ डेस्क कोलकाता के आरजी कर अस्पताल मामले के विरोध में साल्ट लेक में राज्य...

सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कहा कि सीबीआई को पिंजरे में बंद तोता होने की धारणा को दूर करना चाहिए

न्यूज़ डेस्क दिल्ली के सीएम अरबिंद केजरीवाल को शीर्ष अदालत ने जमानत दिया और केजरीवाल...