न्यूज़ डेस्क
करीब दो साल से चीन और भारत के बीच चल रहे सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच किसी तरह की बातचीत नहीं हो रही है लेकिन भारत की अध्यक्षता में जी -20 के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने चीनी विदेश मंत्री चिन गांग भारत आ रहे हैं। आगामी 2 मार्च को दिल्ली में यह अहम बैठक होनी है। आज विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी है कि चीनी विदेश मंत्री दिल्ली आ रहे हैं।
वर्ष 2019 में सीमा तंत्र के विषय पर विशेष प्रतिनिधियों की वार्ता में शामिल होने के लिए पूर्ववर्ती वांग यी की नयी दिल्ली की यात्रा के बाद किसी चीनी विदेश मंत्री की यह पहली भारत की यात्रा होगी। वांग और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल विशेष प्रतिनिधि थे। यहां की गई घोषणा के अनुसार, अपने भारतीय समकक्ष मंत्री एस. जयशंकर के निमंत्रण पर विदेश मंत्री चिन गांग दो मार्च को नयी दिल्ली में जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे।
बता दें कि मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध होने के बाद से दोनों देशों के बीच संबंधों में लगभग शिथिलता आ गई है। गतिरोध को दूर करने के लिए दोनों देशों ने सैन्य कमांडर स्तर की 17 उच्च स्तरीय वार्ता की है। भारत का कहना है कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं होगी तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते। भारत ने पिछले साल एक दिसंबर को जी-20 की अध्यक्षता संभाली।
गौरतलब है कि जी-20 के सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार के 75 प्रतिशत से अधिक और दुनिया की आबादी के लगभग दो-तिहाई का प्रतिनिधित्व करते हैं।
इस संगठन के सदस्य देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल है तथा यूरोपीय संघ भी इसका हिस्सा है।
जानकारी के मुताबिक़ 2 मार्च की इस बैठक में सभी सदस्य देशो के विदेश मंत्री हिस्सा लेंगे। इस बैठक में विदेश नीति पर चर्चा होगी और सदस्य देशो के बीच सीमा विवाद की भी चर्चा हो सकती है ताकि आपसी मेलजोल बढ़ सके।