ऑस्ट्रेलिया में एक भारतीय महिला रसोइया के साथ बड़ा जुल्म हुआ. महिला 2008 में ऑस्ट्रेलिया पढ़ाई करने गई थी, और फिर वहीं रहने लगी. अपना खर्च चलाने के लिए वहां उसने एक रेस्टॉरेंट में काम किया. मगर, रेस्टॉरेंट के मालिक ने उसकी मजबूरी का फायदा उठाया. उसे दो साल से अधिक समय तक न वेतन और न छुट्टियां दीं.
एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, पीडि़ता भारतीय की पहचान पवनजीत वारिस के रूप में हुई है. वो ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड में एक रेस्टॉरेंट में काम करती थी. जब वेतन न मिलने पर उसने साउथ ऑस्ट्रेलियन एम्प्लॉयमेंट ट्रिब्यूनल की शरण ली तो न्याय की आस बंधी. हालांकि अभी यह बताया जा रहा है कि महिला को अपने अवैतनिक वेतन और अधिवर्षिता को प्राप्त करने के लिए अलग से दीवानी कोर्ट की कार्रवाई करनी होगी.
2013 से 2015 के बीच किया था रेस्टॉरेंट में काम
पीडि़ता पवनजीत के वकील ने मीडिया को बताया कि पवनजीत, भारत से 2008 में एक स्टूडेंट के रूप में ऑस्ट्रेलिया आई थी. जहां खाना पकाने और आतिथ्य प्रबंधन में कोर्स पूरा करने के बाद, किरणभाई पटेल नाम के शख्स ने उसे मई 2013 में ‘दर्शना करी एंड टी हाउस रेस्टॉरेंट’ में कुक के रूप में ऑफर दिलाया. पवनजीत वहां काम करने लगी. हालांकि, वहां काम करने के दौरान पवनजीत को वेतन, ओवरटाइम, वार्षिक अवकाश और कोई सेवानिवृत्ति नहीं मिली. ऐसा दो साल तक होता रहा.
साउथ ऑस्ट्रेलियन एम्प्लॉयमेंट ट्रिब्यूनल में की शिकायत
पवनजीत ने ज्यादा जिद की तो रेस्टॉरेंट के मालिक ने भगा दिया. उसे मामले की रिपोर्ट करने पर देश (ऑस्ट्रेलिया) से निकालने की धमकी दी गई. पवनजीत के वकील ने इस मामले में साउथ ऑस्ट्रेलियन एम्प्लॉयमेंट ट्रिब्यूनल में शिकायत की, जहां एक आदेश पर रेस्टॉरेंट के मालिक ने शुरू में जून और जुलाई 2013 में उसे 4 सप्ताह के लिए पेमेंट किया. उसके बाद पवनजीत को ऑस्ट्रेलिया इमिग्रेशन डिपार्टमेंट और ऑस्ट्रेलियन टैक्सेशन ऑफिस द्वारा आवश्यक फीस के लिए 30,000 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का पेमेंट करने के लिए कहने लगा, रेस्टॉरेंट के मालिक ने पवनजीत को कहा कि या तो वो इतनी रकम का पेमेंट करे, वरना वो उसका वीजा रद्द करवा देंगे. इस तरह पवनजीत और मुसीबत में फंस गई.